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सेवानिवृत्त दारोगा को बेटे ने ही जलाकर मार डाला

जिले के तरयासुजान थाना क्षेत्र के जवही नरेंद्र गांव में सेवानिवृत्त दारोगा श्याम सुंदर और पत्नी के रूप में रह रही नौकरानी सरोज और उसके लड़के अविनाश को किसी और ने नहीं बल्कि उनकी पहली पत्नी के छोटे पुत्र आशीष ने जलाया था। इस घटना में तीन लोगों की जानें गईं थीं। पुलिस ने इस मामले के पर्दाफाश का दावा किया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 06 Jul 2020 10:34 PM (IST)Updated: Mon, 06 Jul 2020 10:34 PM (IST)
सेवानिवृत्त दारोगा को बेटे ने ही जलाकर मार डाला
सेवानिवृत्त दारोगा को बेटे ने ही जलाकर मार डाला

कुशीनगर: जिले के तरयासुजान थाना क्षेत्र के जवही नरेंद्र गांव में सेवानिवृत्त दारोगा श्याम सुंदर और पत्नी के रूप में रह रही नौकरानी सरोज और उसके लड़के अविनाश को किसी और ने नहीं, बल्कि उनकी पहली पत्नी के छोटे पुत्र आशीष ने जलाया था। इस घटना में तीन लोगों की जानें गईं थीं। पुलिस ने इस मामले के पर्दाफाश का दावा किया है।

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सोमवार को एसपी विनोद कुमार मिश्र ने पत्रकार वार्ता के दौरान बताया कि तरयासुजान पुलिस ने आरोपित को गौरहा बाजार के पास से गिरफ्तार किया। उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विधिक कार्यवाही की जा रही है। पुलिस के सामने उसने अपना जुर्म कबूल करते हुए बताया कि मां की मौत के बाद पिता नौकरानी को ही पत्नी बनाकर रख लिए थे। मुझे व अन्य भाई-बहनों को कोई खर्च नहीं देते थे। सभी को घर से बाहर कर दिया गया। पिता के पेंशन की पूरी रकम और खेती की उपज का कोई हिस्सा नहीं मिलता था। पिता को डराने के लिए यह षडयंत्र रचा और पेट्रोल डालकर आग लगा भाग निकला। मुझे उम्मीद नहीं थी, इससे उनकी जान भी जा सकती है।

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यह था मामला

तरयासुजान थाने के गांव जवहीं नरेंद्र निवासी सेवानिवृत्त दारोगा श्याम सुंदर प्रसाद (62) गोरखपुर में पुलिस विभाग में दारोगा पद पर तैनात थे। दो वर्ष पूर्व सेवानिवृत्त होने के बाद गांव आ गए और घर से दूर एक कटरैन के कमरे में रहने लगे। उनके साथ उनकी नौकरानी सरोज (53) तथा उसके बच्चे अविनाश (15) व परी उर्फ राधिका (5) निवासी सोनबरसा जिला गोरखपुर भी रहते थे। श्यामसुंदर की पत्नी का काफी पहले निधन हो गया था, उनके दो लड़के व तीन लड़कियां हैं। बड़े बेटे की शादी हो गई है और वह तमकुहीराज स्थित मकान में रहता है। छोटा बेटा गांव की मकान में रहता है। जबकि बड़ी बेटी निशा (28) लेखपाल है और कसया में आवास बनाकर अपनी दोनों छोटी बहनों के साथ रहती है। श्यामसुंदर व सरोज पति-पत्नी की तरह रहते थे। रोज की भांति 28 जून की रात भी वह, नौकरानी व बच्चे एक ही कमरे में सो रहे थे कि अचानक आधी रात को ज्वलनशील पदार्थ डालकर दारोगा व अन्य को जिदा जलाने की वारदात को अंजाम दिया गया था। इलाज के दौरान परी उर्फ राधिका की जिला अस्पताल में मौत हो गई। मेडिकल कालेज में भर्ती सेवानिवृत्त दारोगा श्याम सुंदर प्रसाद और नौकरानी सरोज के लड़के अविनाश की दो जुलाई की रात मौत हो गई। सरोज की हालत अभी गंभीर बनी हुई है और गोरखपुर मेडिकल कालेज में इलाज चल रहा है।


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