दुर्घटनाओं से बचाव के लिए खुद रहें सजग
कोहरे में होने वाले हादसों से बचाव के लिए खुद को सजग रहना होगा। चाहे दो पहिया वाहन हो अथवा चार पहिया वाहन चालकों को खुद सतर्कता बरतनी होगी।
कुशीनगर: कोहरे में होने वाले हादसों से बचाव के लिए खुद को सजग रहना होगा। चाहे दो पहिया वाहन हो अथवा चार पहिया वाहन चालकों को खुद सतर्कता बरतनी होगी। इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर जागरूकता की जरूरत है ताकि मार्ग दुर्घटनाओं से बचा जा सके। वाहन चलाने के दौरान चालक को विशेष रूप से सावधानी बरतनी होगी। दो पहिया वाहन चलाने के दौरान हेलमेट लगाना जरूरी है, तो चार पहिया वाहन चालकों को सीट बेल्ट का प्रयोग करें। जरा सी लापरवाही खुद की जान जोखिम में डालना है। इसलिए वाहन चलाने के दौरान आवश्यक सावधानी जरूर बरतें।
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सिर है आपका
-बाइक चालक व सवार दोनों को अच्छी कंपनी का हेलमेट पहनने की जरूरत है। हेलमेट का आइएसआइ मार्क्ड होना इसलिए लिए जरूरी है ताकि अचानक दुर्घटनाओं में सिर की सुरक्षा हो सके। सुरक्षा की दृष्टि से सरकार द्वारा तय मजबूती के पैमाने (आइएसआइ) वाले हेलमेट ही पहनना चाहिए, ताकि सिर को बचाया जा सके।
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सीट बेल्ट पहनना जरूरी
-लग्जरी वाहन अथवा कार चलाते समय सीट बेल्ट पहनना इसलिए जरूरी है कि दुर्घटना के दौरान शरीर में लगने वाले झटके से बचाव होती है, तो तेज टक्कर में सिर अथवा हाथ से फ्रंट स्क्रीन से न टकराए और शीशा तोड़ते हुए शरीर अंग-भंग होने से बचा जा सके। अब तो नए वाहनों में एयर बैग की सुविधा दी गई, जो सीट बेल्ट लगाने पर ही काम करता है।
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सुरक्षित यात्रा के लिए बच्चों को पीछे बैठाएं
-सुरक्षा की ²ष्टि से बच्चों को पीछे बैठाना चाहिए। क्योंकि आगे बैठाने पर अचानक ब्रेक का इस्तेमाल करने से बच्चे घायल हो सकते हैं। इसलिए फ्रंट सीट पर बच्चों की कभी नहीं बैठाना चाहिए।