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सरकारी धन के हेराफेरी के आरोपितों की जमानत खारिज

कलेक्ट्रेट में हुए सरकारी धन के हेराफेरी के मामले में गिरफ्तार तीन आरोपितों की जमानत प्रभारी जिला जज लक्ष्मीकांत शुक्ल की अदालत ने बुधवार को खारिज कर दिया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 14 Nov 2018 11:35 PM (IST)Updated: Wed, 14 Nov 2018 11:35 PM (IST)
सरकारी धन के हेराफेरी के आरोपितों की जमानत खारिज
सरकारी धन के हेराफेरी के आरोपितों की जमानत खारिज

कुशीनगर: कलेक्ट्रेट में हुए सरकारी धन के हेराफेरी के मामले में गिरफ्तार तीन आरोपितों की जमानत प्रभारी जिला जज लक्ष्मीकांत शुक्ल की अदालत ने बुधवार को खारिज कर दिया। तीनों आरोपितों ने खुद को बेकसूर बताते हुए अदालत से जमानत दिए जाने की गुहार लगाई थी। जिला शासकीय अधिवक्ता जीपी यादव ने अदालत में कहा कि प्रभारी अधिकारी बिल व उपजिलाधिकारी कप्तानगंज द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे में फर्जी व कूटरचित हस्ताक्षर कर 20 अगस्त 2018 को 33 लाख 42 हजार 259 रुपये का तीन बैंकर्स चेक स्टेट बैंक आफ इंडिया शाखा पडरौना द्वारा तीन लोगों के नाम जारी कराए जाने का आरोप लगाया था। इसमें प्रथम बैंकर्स चेक रमापति मिश्र निवासी बेलवा थाना कोतवाली पडरौना, द्वितीय बैंकर्स चेक प्रद्युम्न विश्वकर्मा निवासी सुसवलिया थाना कोतवाली पडरौना व तीसरा चेक ओसी विल्स कृते जिलाधिकारी कुशीनगर के नाम निर्गत किया गया था। प्रद्युम्न विश्वकर्मा के नाम जारी दो लाख का बैंकर्स चेक भुगतान करा लिया गया। इसी तरह रमापति मिश्र को फर्जी कानूनगो दिखाकर 12 लाख 20 हजार 456 रुपये का चेक बंधन बैंक में जमा कर भुगतान के लिए प्रबंधक द्वारा कर्मियों पर दबाव बनाया जा रहा था। बैंक लिपिक हिदायतुल्ला निवासी चनपटिया जिला पश्चिमी चंपारण बिहार की भी भूमिका संदिग्ध रही। इन्होंने बिना प्राधिकृत पत्र एवं परिचय पत्र के ही सुबोध को प्राप्त करा दिया। प्रभारी सत्र न्यायाधीश लक्ष्मीकांत शुक्ल ने तीनों के बचाव में प्रस्तुत दलीलों को सुनने के बाद मामले में सरकारी धन के दुरुपयोग होने के स्पष्ट सबूत होने की बात कहते हुए जमानत खारिज कर दी।

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