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Kushinagar News: उपेक्षा से बदहाली की चादर में लिपटी प्रदेश की प्रथम बुद्ध वाटिका, स्थापना के 22 साल बाद भी है गुमनाम

कुशीनगर जिले में स्थित बुद्ध वाटिका स्थापना के 22 साल बाद भी गुमनाम है। सन् 2000 में प्रदेश की प्रथम बुद्ध वाटिका स्थापित हुई थी। प्रदेश के तत्कालीन प्रमुख वन संरक्षक केएन सिंह ने यहां शाल का पौधा रोपा था।

By Ajay K ShuklaEdited By: Pragati ChandPublished: Tue, 20 Sep 2022 07:06 PM (IST)Updated: Tue, 20 Sep 2022 07:06 PM (IST)
Kushinagar News: उपेक्षा से बदहाली की चादर में लिपटी प्रदेश की प्रथम बुद्ध वाटिका, स्थापना के 22 साल बाद भी है गुमनाम
उपेक्षा से बदहाली की चादर में लिपटी प्रदेश की प्रथम बुद्ध वाटिका। (फाइल)

कुशीनगर, राजेंद्र शर्मा। अंतरराष्ट्रीय पर्यटक केंद्र कुशीनगर स्थित प्रदेश व बौद्ध परिपथ की प्रथम बुद्ध वाटिका गुमनाम है। इसकी स्थापना थाई बुद्धिस्ट मोनास्ट्री में सन् 2000 में हुई थी। 22 वर्ष बाद भी अधिकांश लोगों को इसके बारे में जानकारी नहीं है। विकास व प्रचार-प्रसार के अभाव में यह बौद्ध श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र नहीं बन सका है। अगस्त 2000 में प्रदेश के तत्कालीन प्रमुख वन संरक्षक केएन सिंह ने इसका शुभारंभ शाल का पौधरोपण कर किया था। पौधे हाटा रेंज के डुमरी पौधशाला से लाए गए थे।

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सौ रनिंग मीटर में लगे थे बुद्ध से संबंधित पौधे

तत्कलीन रेंजर बीके गुप्त ने बताया कि थाई बुद्धिस्ट मोनास्ट्री में प्रदेश की पहली बुद्ध वाटिका में शाल, शीशम, बांस, खिरनी, पीपल, पाकड़, जामुन, ढ़ाक, नीम, आम, शिकाकाई, बरगद, पारिजात सहित बुद्ध से संबंधित 18 प्रजाति के पौधों का रोपण एक सौ रनिंग मीटर क्षेत्र में हुआ था। प्रमुख वन संरक्षक केएन सिंह सहित थाई मोनास्ट्री के मांक इंचार्ज डा. पी खोमसान, भिक्षु बुद्धमित्र, राजेश त्रिपाठी, गोरखपुर मंडल के वन संरक्षक एके हेलन, डीएफओ एमके त्रिपाठी, एसडीओ एबी खान, रेंजर हाटा आलोक सक्सेना, महेंद्र यादव आदि उपस्थित थे।

सुरक्षित है बुद्धवाटिका

थाई बुद्धिस्ट मोनास्ट्री कुशीनगर के तत्कालीन मांक इंचार्ज डा. पी. खोमसान ने बताया कि सन् 2000 में स्थापित प्रदेश की प्रथम बुद्ध वाटिका सुरक्षित है। यदि प्रशासन द्वारा इसका और विकास कराया जाए, साथ ही प्रचार-प्रसार हो तो यह पर्यटकों के आकर्षण का महत्वपूर्ण केंद्र हो सकता है।

क्या कहते हैं अधिकारी

  • कुशीनगर के डीएफओ अनिल कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश की प्रथम बुद्ध वाटिका थाई मोनास्ट्री में है। इसके विकास के लिए मोनास्ट्री की मांग पर विभाग तकनीकी सहयोग करने के लिए तैयार है।
  • कुशीनगर के डॉ. प्राण रंजन पर्यटक सूचना अधिकारी ने बताया कि प्रदेश की प्रथम बुद्ध वाटिका पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इसके प्रचार-प्रसार के लिए वन विभाग व थाई बुद्धिस्ट मोनास्ट्री से वार्ता कर योजना बनाई जाएगी।

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