बेसहारा पशुओं की धमाचौकड़ी से लोग परेशान
शासन की ओर से बेसहारा पशुओं से छुटकारा दिलाने के लिए जगह-जगह आश्रय स्थल बनवाए गए हैं। बावजूद सड़क व सरेह में घूम रहे पशुओं से छुटकारा नहीं मिल पा रहा है। ऐसे पशु फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं और चौक-चौराहों व कस्बों में दुर्घटना का कारण बन रहे हैं।
कुशीनगर: शासन की ओर से बेसहारा पशुओं से छुटकारा दिलाने के लिए जगह-जगह आश्रय स्थल बनवाए गए हैं। बावजूद सड़क व सरेह में घूम रहे पशुओं से छुटकारा नहीं मिल पा रहा है। ऐसे पशु फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं और चौक-चौराहों व कस्बों में दुर्घटना का कारण बन रहे हैं।
लोगों का कहना है कि कान्हा आश्रम व पशु आश्रय स्थलों पर सुविधाएं उपलब्ध न होने की वजह से गोवंश भटक रहे हैं। मुंडेरा उपाध्याय गांव के किसान संतोष उपाध्याय ने कहा कि हाटा विकास खंड का पशु आश्रय केंद्र 15 किलोमीटर दूर रामनगर में बना है। वहां ले जाने पर बछड़ों को लौटा दिया जाता है। गांव के बछड़ों को नगरपालिका के कान्हा हाउस में नहीं लिया जाता। मजबूरी में लोग सरेह में छोड़ देते हैं। हाटा-देवरिया मार्ग के किनारे स्थित रामपुर बुजुर्ग, मुंडेरा उपाध्याय, पटना मिश्रौली आदि गांवों के किसान बेसहारा पशुओं से परेशान हैं। नपाध्यक्ष मोहन वर्मा ने कहा कि नगर के कान्हा आश्रम में गोवंश की बेहतर देखभाल हो रही है। दूर-दराज के गांवों के लोग बछड़ों को नगर में लाकर छोड़ दे रहे हैं।
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घरों में घुस रहे सुअर, जिम्मेदार उदासीन
तमकुहीराज, कुशीनगर: तमकुहीराज कस्बा के चौराहे, गली-मोहल्ले, सड़कों पर समूह में घूमते सुअर अब न सिर्फ दुकानों बल्कि घरों में भी घुस जा रहे हैं। गंदगी पसरने से लोगों का आक्रोश बढ़ने लगा है। सड़कों पर इनके घूमने से जाम लग जाना सामान्य हो गया है। देवालयों के पुजारी परेशान हैं। सब्जी मंडी, चावल मंडी, गुड़ मंडी में घुस कर सुअर क्षति पहुंचा रहे हैं। अजय सिंह, सर्वदेव गुप्ता, जितेंद्र पटेल, मुन्ना कुशवाहा, संजीव गुप्ता आदि ने पालकों से सुअरों को बाड़े में रखने की मांग की है।