Move to Jagran APP

सेल्फी लेते पलटी नाव, जाबांजों ने बचाई 10 की जान

कैचवर्ड -हादसा फोटो 3 पीएडी-40, 41, 42, 43, 44, 45 व 46 से क्रासर -जान पर खेल लोगों को बचाने क

By JagranEdited By: Published: Sun, 03 Nov 2019 05:14 PM (IST)Updated: Sun, 03 Nov 2019 05:14 PM (IST)
सेल्फी लेते पलटी नाव, जाबांजों ने बचाई 10 की जान
सेल्फी लेते पलटी नाव, जाबांजों ने बचाई 10 की जान

कैचवर्ड -हादसा

loksabha election banner

फोटो 3 पीएडी-40, 41, 42, 43, 44, 45 व 46 से

क्रासर

-जान पर खेल लोगों को बचाने के लिए नदी में कूद गए तीन युवक

-एक किशोरी की हालत नाजुक, अस्पताल में हो रहा इलाज

घटना की जांच कराई जा रही है : एसडीएम

जागरण संवाददाता, गौरीश्रीराम, कुशीनगर: रविवार को छठ महापर्व पर एक बड़ा हादसा टल गया। नाव पर सवार होकर नदी पार करते समय सेल्फी लेना 10 लोगों को महंगा पड़ा। सेल्फी के चक्कर में नाव अनियंत्रित हो पलट गई। जाबांज तीन युवकों ने जान की परवाह किए बिना नदी में कूद सभी सवारों को बाहर निकाल जान बचाई।

सेवरही थाना क्षेत्र के ग्राम तिवारी पट्टी में बांसी नदी के किनारे स्थित छठ घाट पर छोटी नाव पर सवार होकर दस लोग नदी उस पार जा रहे थे। कुछ युवक नाव पर ही सेल्फी लेने लगे। इस दौरान नाव डगमगाते हुए पलट गई। संयोग ठीक रहा कि घाट पर छठ में शामिल होने आए तीन युवकों ने नाव को पलटते हुए देख लिया। बिना कुछ सोचे जांबाज युवकों ने खुद की जान की परवाह किए बगैर नदी में छलांग लगा दी और डूब रहे 10 लोगों को सूझबूझ का परिचय देते हुए बचा लिया। आनन-फानन में घाट पर मौजूद लोग राहत व बचाव कार्य में जुट गए। नाव पर सवार एक ही गांव के 15 वर्षीय चुही कुशवाहा उर्फ मधुबाला, 13 वर्षीय पुनीता कुशवाहा, 12 वर्षीय अर्जुन कुशवाहा, छह वर्षीय आनन्द कुशवाहा, विजय बहादुर, 35 वर्षीय अभय,तीन वर्षीय आलोक, 38 वर्षीय मनोज, 32 वर्षीय उमेश व एक वर्षीय अंकित निवासी तिवारी पट्टी डूबने लगे। चुही उर्फ मधुबाला की हालत नाजुक देख परिजनों ने एक निजी अस्पताल मे भर्ती कराया। लोग साहसी युवकों की मुक्त कंठ से प्रशंसा कर रहे हैं। मौके पर पहुंचे सीओ नितेश प्रताप सिंह व थाना प्रभारी एसके राय ने घटना की जानकारी ली। एसडीएम एआर फारुखी ने बताया कि घटना की जांच कराई जा रही है।

-----

इनसेट

दूसरे की जान बचाना पुण्य का कार्य

फोटो 3 पीएडी-47, 48 व 49 से।

-तिवारी पट्टी के घाट टोला निवासी जाबांज असलम रजा, मो. आशिफ अली व चांदसी निषाद ने कहा कि दूसरे की जान बचाना पुण्य का कार्य होता है। कहा कि तैराकी आने के कारण नदी में कूदने में तनिक भी डर नहीं लगा। साहसी युवकों ने कहा छठ घाट पर मौजूद न होते तो सभी की जान चली गई होती। संयोग ठीक था कि नाव पलटते हम लोगों ने देख लिया और नदी में छलांग लगा दी और एक-एक कर सभी दस लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। युवकों ने कहा इसके पूर्व भी डूबते लोगों को जान बचाई है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.