Move to Jagran APP

एक फिट बढ़ा गंगा का जलस्तर, ग्रामीणों में दहशत

संसू, सिराथू : गंगा में आई बाढ़ को देखते हुए तहसील प्रशासन ने तैयारी पूरी कर ली है। लोगों को राहत पहुंचाने और उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए 45 लेखपालों की टीम गठित कर आठ चौकियां बनाई गई हैं। वहीं बुधवार को भी एक फिट जलस्तर बढ़ने से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 05 Sep 2018 09:20 PM (IST)Updated: Wed, 05 Sep 2018 09:20 PM (IST)
एक फिट बढ़ा गंगा का जलस्तर, ग्रामीणों में दहशत
एक फिट बढ़ा गंगा का जलस्तर, ग्रामीणों में दहशत

संसू, सिराथू : गंगा में आई बाढ़ को देखते हुए तहसील प्रशासन ने तैयारी पूरी कर ली है। लोगों को राहत पहुंचाने और उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए 45 लेखपालों की टीम गठित कर आठ चौकियां बनाई गई हैं। वहीं बुधवार को भी एक फिट जलस्तर बढ़ने से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है।

loksabha election banner

बारिश के बाद गंगा उफान पर है। प्रतिदिन जल स्तर बढ़ने से स्थिति ¨चताजनक बनती जा रही है। इसके किनारे में बसे गांवों में बाढ़ की स्थिति बनती नजर आ रही है। बुधवार को गंगा नदी का जल स्तर एक फिट तक बढ़ गया। इसकी वजह से लोगों में दहशत है। वहीं लगातार गंगा का पानी बढ़ने की वजह से नाला भर गए और इसका पानी बस्ती में पहुंचने लगा है। गंगा के कछारी क्षेत्र में मौजूद फसल भी अब डूबने लगी है। घाट के किनारे बसे लोग गंगा के ही सहारे अपना जीवन यापनकरते हैं लेकिन पानी अधिक होने की वजह से लोगों के सामने अपने दो जून की रोटी का संकट खड़ा हो गया। जल स्तर बढ़ जाने की वजह से मछली का भी शिकार नहीं हो पा रहा है। ऐसे में इससे जुड़े लोगों को रोटी के लिए काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। सिराथू क्षेत्र के सबसे अधिक बाढ़ प्रभावित गांव सुखऊ का पूरा में इन दिनों हालत ज्यादा भयावह बने हुए हैं। बाढ़ का पानी कछार में पहुंच गया है। इससे हजारों बीघे फसल जलमग्न हो गई और कछार में रह रहे लोगों को यहां से पलायन करना पड़ रहा है। कई दर्जन लोग इसी कछार में अपने परिवार व मवेशियों के साथ दिन-रात रहते हैं लेकिन लगातार तेजी से जल स्तर बढ़ने की वजह से लोगों ने रात विश्राम करना बंद कर दिया है और वह प्रतिदिन नाव से कछार में खेती के लिए जा रहे हैं। कुछ लोग हिम्मत जुटाकर अपनी झोपड़ी में रुके हुए हैं। उन लोगों का कहना है कि इसके अलावा उनका कोई सहारा नहीं है। ऐसे में वह भला कहां जा सकते हैं। सुखऊ का पूरा के लिए तहसील प्रशासन ने विशेष व्यवस्था कर रखी है। साथ ही आला अफसरों को इस बात की रिपोर्ट भी भेज दी है कि बाढ़ आई तो सबसे पहले सुखऊ का पूरा गांव प्रभावित होगा। इतना ही नहीं, बाढ़ प्रभावित गांवों के लिए 45 लेखपालों की टीम गठित की गई है। साथ ही कुल आठ यानि प्राथमिक विद्यालय गो¨वदपुर ताजमल्लाहन, प्राथमिक विद्यालय कड़ा, प्राथमिक विद्यालय टड़हर, प्राथमिक विद्यालय बड़नपुर कादीपुर इचौली, प्राथमिक विद्यालय शमसाबाद, प्राथमिक विद्यालय सरवनपुर रामसहायपुर व प्राथमिक विद्यालय रसूलपुर मड़ियामई को बाढ़ी चौकी बनाया है। यमुना की तराई के गांवों में बाढ़ से दहशतजदा ग्रामीण

संसू, पुरखास : यमुना के तराई गांव में बसने वाले लोग भी जलस्तर बढ़ने से दहशतजदा हैं। सबसे ज्यादा खतरा, पिपरहटा, मल्हीपुर, व नंदा का पुरवा में बना हुआ है। बाढ़ का पानी घाट तक तो आ चुका है लेकिन फिलहाल गांव में नहीं घुसा है। हालांकि मंगलवार को एसडीएम चायल ने पहुंचकर हालात का जायजा लिया। साथ ही पिपरहटा के ग्रामीणों के लिए तिल्हापुर, नंदा का पुरवा व मल्हीपुर गांव के लोगों के लिए कटइया में बाढ़ चौकी बनाई है। साथ ही राजस्व विभाग के कर्मचारियों को निगरानी करने के निर्देश दिए हैं। इतना ही नहीं स्वास्थ्य विभाग के अफसरों को भी पत्र भेजते हुए एसडीएम चायल ने स्वास्थ्य कैंप लगाए जाने की भी बात कही है। वहीं मंगलवार की रात और अधिक जलस्तर बढ़ने की दहशत में गुजरने करने वाले लोगों ने बुधवार की सुबह राहत की सांस ली। क्योंकि जलस्तर उसी तरह बरकरार है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.