नवअन्वेषक अवार्ड से सम्मानित हुए विवेक पटेल
जासं, कौशांबी : जिले के एक छोटे गांव के युवा वैज्ञानिक ने ऐसे यंत्र की खोज की है कि महंगा पेट्रोल लोगों की जेब पर भारी नहीं पड़ेगा। आने वाले दिनों में यह यंत्र बाजार में आएगा तो उसे वाहनों में लगाकर एक लीटर पेट्रोल में 153 किलोमीटर की यात्रा की जा सकेगी। उनकी इस खोज को देश के जाने-माने वैज्ञानिकों ने भी मुहर लगा दी है। गुरुवार को लखनऊ में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने 25 हजार रुपये देकर सम्मानित किया है। इससे पहले उन्हें आइआइटी कानपुर और आइआइएम से सम्मानित किया जा चुका है।
जासं, कौशांबी : जिले के एक छोटे गांव के युवा वैज्ञानिक ने ऐसे यंत्र की खोज की है कि महंगा पेट्रोल लोगों की जेब पर भारी नहीं पड़ेगा। आने वाले दिनों में यह यंत्र बाजार में आएगा तो उसे वाहनों में लगाकर एक लीटर पेट्रोल में 153 किलोमीटर की यात्रा की जा सकेगी। उनकी इस खोज को देश के जाने-माने वैज्ञानिकों ने भी मुहर लगा दी है। गुरुवार को लखनऊ में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने 25 हजार रुपये देकर सम्मानित किया है। इससे पहले उन्हें आइआइटी कानपुर और आइआइएम से सम्मानित किया जा चुका है।
जिले के चरवा थाना क्षेत्र के गांव पिपरी पहाड़पुर निवासी विवेक कुमार पटेल ने 12वीं तक शिक्षा एमआर शेरवानी इंटर कालेज सल्लाहपुर में ग्रहण की। उसके बाद पारिवारिक कारणों से वह आगे की पढ़ाई नहीं कर सके लेकिन बचपन से ही कुछ अगल करने का जज्बा था। मोटर मैकेनिक में खास रुचि थी इसलिए वह ऐसे यंत्र को बनाने का प्रयास करने लगे जिससे तेल की खपत कम हो और ज्यादा दूरी का सफर तय किया जा सके। इसके लिए 2002 से ही प्रयास शुरू किया था। इसके लिए पैसे भी खर्च किए और तमाम तरह के जुगाड़ू यंत्र बना डाले। कुछ साल पहले विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से जब जुगाड़ू वैज्ञानिकों की तलाश शुरू हुई तो इनकी प्रतिभा को मंच मिला। फिर क्या था इनकी खोजे हुए यंत्र की जांच होने लगी। चूंकि विवेक उच्च शिक्षित नहीं थे इसलिए इनके रिसर्च पर हर किसी को शंका है। ऐसे में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की पहल पर इनके यंत्र की जांच मोतीलाल नेहरू प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय प्रयागराज के आटोमोबाइल इंजीनियरों से कराई गई। वहां के वैज्ञानिकों ने कहा कि इनके बनाए हुए यंत्र को वाहन में लगाने से तेल की खपत बहुत कम होगी। 30 अगस्त को हैदराबाद में आयोजित रूरल इनोवेटर्स स्टार्टअप कान्क्लेव में विवेक को सम्मानित किया गया। उसके बाद आइआइटी कानपुर में इन्हें एक लाख रुपये का पुरस्कार दिया। कुछ दिन पहले आइआइएम कानपुर ने भी इनको सम्मानित किया है। विवेक ने बताया कि उनका यंत्र बनकर तैयार है अगले महीने वह इसे बाजार में उतारेंगे। चूंकि इसका पेटेंट कराना है।