59 करोड़ रुपये खर्च करने के बाद भी नहीं रोशन हुए गांव
पंडित दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना व सौभाग्य योजना के तहत जिले में 1310 गांवों व उनके मजरों के विद्युतीकरण के लिए सरकार ने चार वर्ष पूर्व 95 करोड़ रुपये अवमुक्त किया था।
जागरणटीम, कौशांबी : पंडित दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना व सौभाग्य योजना के तहत जिले में 1310 गांवों व उनके मजरों के विद्युतीकरण के लिए सरकार ने चार वर्ष पूर्व 95 करोड़ रुपये अवमुक्त किया था। धन मिलने के बाद कार्यदायी संस्था मेसर्स विश्वनाथ प्रोजेक्ट लिमिटेड ने गांवों का विद्युतीकरण का काम शुरू किया। लंबा समय बीतने के बाद भी लगभग 50 गांवों का विद्युतीकरण नहीं हुआ। यही नहीं जहां विद्युतीकरण किया गया है। वहां की आधी आबादी बिजली का उपभोग नहीं कर पा रही है। दर्जनों गांवों में सिर्फ खंभा लगा दिया गया है। तार खींचकर विद्युत आपूर्ति नहीं की जा रही है। इसकी वजह से ग्रामीणों में नाराजगी है। शिकायत के बाद भी समस्या का निराकरण नहीं हो पा रहा है।
केंद्र सरकार ने पंडित दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना के तहत चार वर्ष पूर्व जिले के 1310 गांवों व उनके मजरों के विद्युतीकरण के लिए सरकार ने अनुमति दी थी। विद्युतीकरण के लिए चार वर्ष पूर्व 95 करोड़ रुपये खर्च करने की अनुमति दी थी। प्रथम किस्त के रूप में कार्यदायी संस्था मेसर्स विश्वनाथ प्रोजेक्ट लिमिटेड 59 करोड़ रुपये दिया गया था। ग्रामीणों की माने तो कार्यदायी संस्था ने गांवों के विद्युतीकरण में काफी गड़बड़ी की है। विकास खंड सिराथू क्षेत्र के गंभीरा पूरब गांव के अर्जुन प्रसाद, बब्लू, रामनरेश व पवन ने बताया कि गांव के कुछ हिस्से के विद्युतीकरण के लिए वर्ष 2014 व 15 में पोल लगाए गए थे। तार खींचकर आपूर्ति नहीं शुरू की गई। इससे लोगों को चिराग की रोशनी में रात गुजारनी पड़ रही है। दर्जनों लोगों ने कनेक्शन लिया है, लेकिन बिजली का उपभोग नहीं कर पा रहे हैं। इसी प्रकार रूपनारायणपुर गोरियों, जगन्नाथपुर, घटमापुर, पट्टी परवेजाबाद, मोगरी कड़ा आदि गांवों का आधा-अधूरा विद्युतीकरण कराया गया है। जगन्नाथपुर के गुलाब सिंह, उदहिन बुजुर्ग के बीरेंद्र, राधेश्याम आदि का कहना है कि विद्युतीकरण में की गई गड़बड़ी की शिकायत एक्सईएन अंकित कुमार व सांसद विनोद सोनकर से की गई थी। इसके बाद भी समस्या का निराकरण नहीं हो पा रहा है। इस संबंध में कार्यदायी संस्था के प्रबंधक से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन बात नहीं हो पाई। बांस बल्ली के सहारे गांव में दौड़ाया मौत का सामान
संसू नारा : विद्युत उपकेंद्र घाटमपुर के अंतर्गत गंभीरा गांव का आधा अधूरा विद्युतीकरण हुआ है। इसकी वजह से दर्जनों लोग बांस बल्ली के सहारे जर्जर तार खींच कर बिजली का उपभोग कर रहे हैं। जो हादसे का सबब बना हुआ है। कभी भी गांव में कोई बड़ा हादसा हो सकता है लेकिन विभाग के लोग ध्यान नहीं दे रहे हैं।