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विहिप नेता को मारी गोली, हालत नाजुक

संसू, पुरखास : सरायअकिल थाना क्षेत्र के सुरसेना गांव में शनिवार की दोपहर जांच के लिए आई अफसरों की टीम के सामने विहिप नेता को गोली मार दी गई। दिनदहाड़े वारदात को अंजाम देकर हमलावर भाग निकले। लहूलुहान हालत में घायल विहिप नेता को प्रयागराज के एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। सूचना पर कई थानों की फोर्स के साथ डीएम व एसपी भी मौके पर पहुंचे। घटना के पीछे चुनावी रंजिश को कारण माना जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Feb 2019 11:31 PM (IST)Updated: Sat, 16 Feb 2019 11:31 PM (IST)
विहिप नेता को मारी गोली, हालत नाजुक
विहिप नेता को मारी गोली, हालत नाजुक

संसू, पुरखास : सरायअकिल थाना क्षेत्र के सुरसेना गांव में शनिवार की दोपहर जांच के लिए आई अफसरों की टीम के सामने विहिप नेता को गोली मार दी गई। दिनदहाड़े वारदात को अंजाम देकर हमलावर भाग निकले। लहूलुहान हालत में घायल विहिप नेता को प्रयागराज के एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। सूचना पर कई थानों की फोर्स के साथ डीएम व एसपी भी मौके पर पहुंचे। घटना के पीछे चुनावी रंजिश को कारण माना जा रहा है।

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सुरसेनी निवासी मनोज द्विवेदी पूर्व प्रधान के साथ-साथ वर्तमान समय में विश्व ¨हदू परिषद राष्ट्रीय समरसता के जिला संयोजक के पद पर हैं। उनका गांव के ही ज्ञानेंद्र शुक्ल से चुनावी रंजिश चली आ रही है। ज्ञानेंद्र शुक्ल की पत्नी मीना देवी इस पंच वर्षीय में प्रधान थीं लेकिन शौचालय में गबन का आरोप पाए जाने पर माह भर पहले पद से निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद त्रिस्तरीय कमेटी गठित करके विकास कार्य चालू रखा गया। इसकी देखरेख विहिप नेता मनोज द्विवेदी के चाचा झल्लर प्रसाद कर रहे थे। शौचालय में गबन की जांच करने के लिए शनिवार की दोपहर कमेटी में शामिल ग्रामीण सेवा अभियंत्रण के एई एसके सिन्हा, आरईएस के जेई सुनील खरवार व सेक्रेटरी जय ¨सह गांव पहुंचे। जांच स्थल पर दोनों पक्ष से दर्जनों लोग मौजूद थे। इस बीच बीडीसी प्रेमचंद्र की बाइक पर बैठकर मनोज द्विवेदी भी जांच स्थल पर जा रहे थे। वह जैसे ही अफसरों के पास पहुंचने वाले थे कि पांच हमलावरों ने ललकारते हुए मनोज द्विवेदी पर एक फायर किया। इससे बाइक अनियंत्रित होकर पलट गई। बीडीसी प्रेमचंद्र व विहिप नेता मनोज द्विवेदी भागने लगे। हमलावरों ने तमंचे से मनोज पर तीन फायर किया। गोली उनके कान के बगल सिर, कंधे व पेट में लगी। इससे वह लहूलुहान होकर तड़पने लगे। फायर की आवाज सुनकर समर्थकों ने ललकारा तो हमलावर भाग निकले। सूचना पर डीएम मनीष कुमार वर्मा, एसपी प्रदीप गुप्ता, सीओ मंझनपुर एसएन पाठक समेत पांच थानों की फोर्स पहुंची। घायल हालत में मनोज द्विवेदी को जिला अस्पताल से चिकित्सकों ने प्रयागराज के एसआरएन अस्पताल रेफर किया। इस संबंध में एसपी का कहना है कि परिजन घायल मनोज का इलाज करा रहे हैं। चुनावी रंजिश की बात सामने आ रही है। हमलावर फरार हो गए हैं। तहरीर मिलने के बाद केस दर्ज किया जाएगा।

अचानक में आखिर क्यों बदला जांच स्थल?

संसू, पुरखास : सुरसेना गांव में विहिप नेता के परिजनों ने जांच करने आई अफसरों की टीम की भूमिका पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। उनका कहना है कि प्राथमिक विद्यालय सुरसेनी में जांच स्थल बनाया था लेकिन अचानक में मनोज द्विवेदी को फोन कर बताया कि अब सुरसेना के प्राथमिक विद्यालय में जांच के लिए बैठक होगी। वहीं घटना के बाद अफसर भी वहां से भाग निकले। हालांकि पुलिस ने जांच टीम की कार को कब्जे में लेकर छानबीन शुरू कर दी है।

चाचा झल्लर प्रसाद ने जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक से पूछताछ में बताया कि शौचालय की जांच करने अफसरों की टीम शनिवार की दोपहर करीब 12 बजे आई थी। इसके पहले सेक्रेटरी व जेई आरईएस ने तय किया था कि जांच के लिए बैठक प्राथमिक विद्यालय सुरसेनी में होगी। इसके चलते मनोज व उनके पक्ष के लोगों की भीड़ वहां मौजूद थी। अफसरों के आते ही अचानक फिर से सेक्रेटरी व जेई ने फोन कर बताया कि बैठक अब सुरसेनी नहीं बल्कि सुरसेना के प्राथमिक विद्यालय में होगी। इस पर सारे लोग सुरसेना आने लगे। मनोज द्विवेदी भी बीडीसी प्रेमचंद्र के साथ बाइक पर बैठकर सुरसेना जा रहे थे। स्कूल में पहले से ही विपक्षी ज्ञानेंद्र शुक्ल और उनके समर्थक मौजूद थे। मनोज द्विवेदी जैसे ही अफसरों की ओर बाइक से बढ़े, तभी हमलावरों ने उन पर फायर झोंक दिया। ऐसी परिस्थिति में जांच करने आए सेक्रेटरी व जेई आरईएस की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं। फाय¨रग की आवाज सुन दहल गए स्कूली बच्चे

सुरसेना स्थित प्राथमिक विद्यालय में जांच के लिए बैठक करने आई अफसरों की टीम जब वहां मौजूद थी, तो स्कूल खुला हुआ था। बच्चे पढ़ाई कर रहे थे। इस बीच अचानक ताबड़तोड़ चार बार फायर की आवाज से स्कूल परिसर गूंज उठा। वहीं हंगामा के बीच ग्रामीणों में भगदड़ मच गई। यह देख स्कूली बच्चे दहशत में आ गए। छोटे-छोटे बच्चों ने रोना व चीखना शुरू कर दिया। आनन-फानन में प्रधानाध्यापक व शिक्षकों ने सभी बच्चों को एक कमरे में इकट्ठा किया और अंदर से दरवाजा बंद कर लिया। करीब आधे घंटे तक बच्चे कमरे में ही रहे। पुलिस अफसरों के आने के बाद ही स्कूल का दरवाजा खुल सका। तब जाकर स्थिति कुछ सामान्य हुई। दिनदहाड़े दुस्साहसिक तरीके से वारदात को अंजाम देने के मामले में एसपी ने कोतवाल को निर्देशित किया है कि तहरीर लेकर फौरन केस दर्ज किया जाए और आरोपितों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी की जाए।


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