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फल संरक्षण का हुनर प्राप्त कर मजबूत हो रहे बेरोजगार

फल संरक्षण व रेस्टोरेंट चलाने का प्रशिक्षण उद्यान खाद्य प्रसंस्करण विभाग की ओर से दिया जाता है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 27 Dec 2019 10:36 PM (IST)Updated: Fri, 27 Dec 2019 10:36 PM (IST)
फल संरक्षण का हुनर प्राप्त कर मजबूत हो रहे बेरोजगार
फल संरक्षण का हुनर प्राप्त कर मजबूत हो रहे बेरोजगार

जासं, कौशांबी : जनपद के शिक्षित बेरोजगार युवक व महिलाओं को फल संरक्षण व रेस्टोरेंट चलाने का प्रशिक्षण उद्यान खाद्य प्रसंस्करण विभाग की ओर से दिया जाता है। संस्थान की ओर से हर वर्ष करीब 350 लोगों को हुनरमंद बनाकर उनका भाग्य बदलने का प्रयास किया जा रहा है। प्रशिक्षण प्राप्त कर कई लोग स्वरोजगार से जुड़कर हजारों रुपये कमा रहे हैं।

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जिला मुख्यालय मंझनपुर के गांधी नगर में संचालित राजकीय सामुदायिक फल संरक्षण एवं प्रशिक्षण केंद्र से जनपद के शिक्षित युवक व महिलाओं को प्रशिक्षित कर उनकी आर्थिक स्थित में बदलाव का प्रयास किया जा रहा है। इसमें ट्रेनर की ओर से अचार, मुरब्बा, जैम, जैली व चटनी बनाने की ट्रेनिग दी जाती है। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद संबंधित युवक व युवतियां फल संरक्षण कर हजारों रुपये कमा रहे हैं। इसके अलावा ढाबा व रेस्टोरेंट संचालन की जानकारी भी ट्रेनर की ओर से दी जाती है, जिसका लाभ सीधा बेरोजगारों को मिल रहा है। राजकीय सामुदायिक फल संरक्षण एवं प्रशिक्षण केंद्र के प्रभारी प्रभात कुमार ने बताया कि नवंबर 2018 में जिले के 30 युवकों को ढाबा व रेस्टोरेंट चलाने की जानकारी दी गई है। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद भेलखा रावेंद्र व टेनशाहआलमाबाद के दीपक ओसा से महेवा मार्ग पर ढाबा खोलने की तैयारी कर रहे हैं। इसके बाद बैंक से ऋण लेने के लिए आवेदन भी कर चुके हैं। इसके अलावा कुछ महिलाएं भी अपने घरों में आंवला का मुरब्बा, आम का अचार व इमली की चटनी तैयार स्वरोजगार से जुड़ रहे हैं। कहा कि इस वित्तीय वर्ष में 300 बेरोजगारों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके सापेक्ष अब तक 160 लोगों को प्रशिक्षित किया जा चुका है।

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कम ब्याज पर मिलता है ऋण

राजकीय सामुदायिक फल संरक्षण एवं प्रशिक्षण केंद्र के प्रभारी प्रभात कुमार ने बताया कि जो युवक व महिलाएं फल संरक्षण, ढाबा संचालन व रेस्टोरेंट चलाने की जानकारी प्राप्त करते हैं। उन्हें संस्थान की ओर प्रमाण पत्र दिया जाता है। उसी प्रमाण पत्र के आधार पर वह कही भी काम कर सकते हैं। यदि प्रशिक्षित युवक व महिलाएं खुद फल संरक्षण का कार्य व ढाबा चलाना चाहते हैं तो उन्हें कम ब्याज पर ऋण भी दिलाने का प्रावधान है। इसके लिए प्रशिक्षित व्यक्ति कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।

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