सिराथू में बिना लाइसेंस संचालित कई आरओ प्लांट
संसू सिराथू कस्बे में अवैध तरीके से आधा दर्जन वाटर प्लांट संचालित किए जा रहे हैं। इनमें से किसी के पास भी ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंटर्ड का लाइसेंस नहीं है। जबकि मिनरल वाटर का प्लांट लगाने के लिए इस लाइसेंस का होना पहली शर्त है। बिना सील बंद पानी की बिक्री पर प्रतिबंध होने के बावजूद भी कारोबारी रोज डिब्बे के माध्यम से हजारों लीटर पानी की आपूर्ति कर रहे हैं। पानी पाउच के माध्यम से भी सप्लाई की जा रही है।
संसू, सिराथू : कस्बे में अवैध तरीके से आधा दर्जन वाटर प्लांट संचालित किए जा रहे हैं। इनमें से किसी के पास भी ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंटर्ड का लाइसेंस नहीं है। जबकि मिनरल वाटर का प्लांट लगाने के लिए इस लाइसेंस का होना पहली शर्त है। बिना सील बंद पानी की बिक्री पर प्रतिबंध होने के बावजूद भी कारोबारी रोज डिब्बे के माध्यम से हजारों लीटर पानी की आपूर्ति कर रहे हैं। पानी पाउच के माध्यम से भी सप्लाई की जा रही है।
सिराथू कस्बे के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी आरओ पानी की जमकर सप्लाई हो रही है। कस्बे में पानी के कारोबार के कितने लाइसेंस हैं, इसकी ठोस जानकारी विभागीय अधिकारियों को नहीं है। विभागीय नियमों के मुताबिक बोतलों-पाउचों पर कंपनी का नाम-पता, रजिस्ट्रेशन नम्बर, बैच नंबर पैकिग तिथि और उपयोग की अंतिम तिथि अवश्य अंकित होनी चाहिए। लेकिन इन पानी के पाउचों पर पैकिग तिथि, उपयोग की अंतिम तिथि, बैच नंबर, मूल्य और रजिस्ट्रेशन नंबर कुछ भी अंकित नहीं है। जिससे इस बात की जानकारी नहीं हो पाती है कि इस पाउच के पानी का कब तक प्रयोग किया जा सकता है। तिथि अंकित न करके संचालक भी पाउचों को कई-कई महीने तक चलाया करते हैं। यूं मिलता वाटर प्लांट का लाइसेंस
मिनरल वाटर प्लांट के लिए लाइसेंस आवेदन दिल्ली में ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंटर्ड को करना होता है। इसकी फीस तीन लाख रुपये से अधिक है। ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंटर्ड के अधिकारी मौके पर जांच करते हैं और पानी का नमूना लेते हैं। नमूना पास होने के बाद अनुमति पत्र दिया जाता है। यह पत्र जिला स्तर पर खाद्य विभाग को दिखाया जाता है। इसके बाद प्लांट का लाइसेंस जारी होता है। लाइसेंस से पहले मशीनों की गुणवत्ता की जांच सहित कई प्रावधान भी पूरे कराए जाते हैं। प्लांट के लिए जरूरी शर्ते
मिनरल वाटर प्लांट लगाने के लिए दो सौ फीट की बोरिग होनी चाहिए। वहां पानी खारा न आता हो और वाटर लेबल ठीक हो। इसके लिए दो मशीनों आरओ मशीन और चिलर मशीन की आवश्यकता होती है। 20 लीटर बर्बाद किया जा रहा 100 लीटर पानी
कस्बे में बिना लाइसेंस के संचालित आरओ प्लांट में जमकर पानी की बर्बादी की जा रही है। बताया जा रहा है कि 20 लीटर आरओ पानी बनाने के लिए करीब 100 लीटर पानी बर्बाद होता है। ऐसे में शासन प्रशासन द्वारा जल बचाव, जीवन बचाओ अभियान बेमतलब साबित हो रहा है। कस्बे के लोगों ने कई मर्तबा मामले की शिकायत भी तहसील दिवस में की थी।
अधिशासी अधिकारी सिराथू से संचालित आरओ प्लांट के बारे में जानकारी ली जाएगी। बिना लाइसेंस के प्लांट संचालित हो रहे आरओ प्लांट के जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाएगी।
ज्योति मौर्य, एसडीएम सिराथू कस्बे में लगभग सभी आरओ प्लांट बिना लाइसेंस के संचालित हो रहे है। उन पर कार्रवाई के लिए पत्रावली तैयार कराई जा रही है। जल्द ही संचालित आरओ प्लांट के जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई कराई जाएगी।
मनीष वर्मा, ईओ सिराथू