दुष्कर्म पीड़िता के पिता के अपहरण का मामले में सच कुछ और ही निकला, आरोपी की जमानत रद करवाने के लिए रची थी साजिश
आठ घंटे में पुलिस टीम ने उसे लखनऊ से बरामद कर लाई तो उसने जुर्म स्वीकार किया। मामले का पर्दाफाश बुधवार को पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने करते हुए कहा कि पीड़िता के पिता के अलावा इसमें संलिप्त अन्य लोगों को चिह्नित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
कौशांबी, जागरण संवाददाता: इलाहाबाद हाईकोर्ट के लिए निकले दुष्कर्म पीड़िता के पिता ने जेल में बंद आरोपित की जमानत खारिज कराने को अपहरण की साजिश रची थी। आठ घंटे में पुलिस टीम ने उसे लखनऊ से बरामद कर लाई तो उसने जुर्म स्वीकार किया। मामले का पर्दाफाश बुधवार को पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने करते हुए कहा कि पीड़िता के पिता के अलावा इसमें संलिप्त अन्य लोगों को चिह्नित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
जानकारी के मुताबिक, चरवा क्षेत्र में एक नाबालिग से रिश्ते के चाचा लगने वाले युवक ने सात माह पहले दुष्कर्म किया। इसकी जानकारी परिवार वालों को तब हुई, जब वह गर्भवती हो गई। पिता की शिकायत पर पुलिस ने आरोपित के खिलाफ केस दर्ज कर जेल भेजवाया। पिता ने गर्भपात कराने के लिए अदालत से अनुमति मांगी। कोर्ट ने इसके लिए मेडिकल बोर्ड से रिपोर्ट की मांग की।
बोर्ड ने भेजी गई जांच रिपोर्ट में बताया कि गर्भपात कराने से किशोरी की जान को खतरा हो सकता है। ऐसे में कोर्ट ने गर्भपात की इजाजत नहीं दी। नतीजतन किशोरी ने 13 दिसंबर को जिला अस्पताल में शिशु को जन्म दिया। नवजात को अस्पताल में छोड़कर दो दिन बाद पीड़िता व उसके परिवार वाले घर चले गए।
मंगलवार को हाइकोर्ट के लिए निकला था
वहीं, मुकदमे की पैरवी कर रहा पीड़िता का पिता जिला कचहरी के अलावा हाईकोर्ट का भी चक्कर लगाता रहा। मंगलवार को वह इलाहाबाद हाईकोर्ट के लिए निकला। इस बीच पिपरी के गुंगवा बाग से उसका अपहरण कर लिया गया। परिवार वालों का कहना था कि अधिवक्ता ने 12 बजे के बाद जब संपर्क किया तो उसने बताया कि चार लोगों ने उसका अपहरण किया है।
लखनऊ में मिली मोबाइल लोकेशन
परिवार वालों ने सूचना दी तो पुलिस हरकत में आ गई। ताबड़तोड़ उसकी तलाश शुरू कर दी गई। पुलिस अधीक्षक ने एसओजी टीम को भी शीघ्र बरामदगी के निर्देश दिए। एसपी ने बताया कि सर्विलांस के जरिए पुलिस ने मोबाइल नंबर को ट्रेस किया तो पीड़ित के पिता की आखिरी लोकेशन लखनऊ मिली। पुलिस ने उसे लखनऊ रेलवे स्टेशन के बाहर एक होटल के समीप से बरामद कर लिया।
जमानत न मिलने के लिए रची साजिश
पूछताछ में उसने बताया कि मंगलवार को जेल में बंद आरोपित की जमानत के लिए अदालत में तारीख लगी थी। मुकदमे को और मजबूत करने व आरोपित को जमानत न मिले, इसके लिए उसने अपहरण की साजिश रची थी। पुलिस अब इस साजिश को रचने में संलिप्त लोगों की भी जांच में जुट गई है। वहीं एसपी का कहना है कि पीड़िता के पिता समेत साजिश में शामिल सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।