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शौचालय निर्माण अधूरा, भुगतान हो गया पूरा

सिराथू तहसील के तुलसीपुर गांव में सामुदायिक शौचालय का निर्माण अब तक अधूरा पड़ा है जबकि शौचालय को पूर्ण बताते हुए ग्राम पंचायत अधिकारी ने चार लाख 53 हजार का भुगतान कर लिया। जांच के लिए गांव पहुंची टीम ने देखा तो शौचालय का निर्माण पूरा नहीं था। अधिकारियों ने सचिव से निर्माण कार्य से जुड़े दस्तावेज मांगा तो वह नहीं दिखा सके। मामले को लेकर दो दिनों का समय दिया गया लेकिन सचिव दस्तावेज नहीं दे सके। इस पर डीपीआरओ ने सचिव सतीश चौधरी का वेतन रोके जाने का निर्देश दिया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 30 Jul 2021 11:00 PM (IST)Updated: Fri, 30 Jul 2021 11:00 PM (IST)
शौचालय निर्माण अधूरा, भुगतान हो गया पूरा
शौचालय निर्माण अधूरा, भुगतान हो गया पूरा

जासं, कौशांबी : सिराथू तहसील के तुलसीपुर गांव में सामुदायिक शौचालय का निर्माण अब तक अधूरा पड़ा है जबकि शौचालय को पूर्ण बताते हुए ग्राम पंचायत अधिकारी ने चार लाख 53 हजार का भुगतान कर लिया। जांच के लिए गांव पहुंची टीम ने देखा तो शौचालय का निर्माण पूरा नहीं था। अधिकारियों ने सचिव से निर्माण कार्य से जुड़े दस्तावेज मांगा तो वह नहीं दिखा सके। मामले को लेकर दो दिनों का समय दिया गया, लेकिन सचिव दस्तावेज नहीं दे सके। इस पर डीपीआरओ ने सचिव सतीश चौधरी का वेतन रोके जाने का निर्देश दिया।

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तुलसीपुर गांव में चार लाख 53 हजार की लागत से सामुदायिक शौचालय का निर्माण हुआ है। सचिव ने दस्तावेजों में शौचालय को पूर्ण दिखाते हुए पूरा भुगतान निकाल लिया। शौचालय पूर्ण होने की जानकारी के बाद 12 जुलाई को शौचालय निर्माण का सत्यापन करने पहुंचे प्रांशू केसरवानी जिला परियोजना समन्वयक स्वच्छ भारत मिशन को शौचालय अधूरा मिला। इस दौरान मौजूद रहे प्रधान व सचिव शौचालय निर्माण के संबंध में उचित जवाब नहीं दे सके। गड्ढा, शीट, टाइल्स, रनिग वाटर, विद्युतीकरण, रंगाई-पुताई आदि का कार्य पूरा नहीं था। प्रांशू केसरवानी ने डीपीआरओ को अपनी रिपोर्ट सौंपी। डीपीआरओ ने सचिव सतीश चौधरी को दो दिन का समय दिया, लेकिन वह दस्तावेज नहीं दिखा सके। डीपीआरओ डा. बालगोविंद श्रीवास्तव ने मामले को लेकर सचिव को लापरवाह पाते हुए उनका वेतन रोक दिया। डीपीआरओ ने बताया कि दो दिन का समय दिए जाने के बाद भी सचिव सतीश चौधरी दस्तावेज नहीं दिखा सके। इससे यह प्रतीत होता है कि उनका दस्तावेज तैयार नहीं है। यह वित्तीय नियमों के खिलाफ है। इस लापरवाही पर उनका वेतन रोका गया है।


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