तीन तलाक से नहीं होना पड़ेगा बेघर, मुस्लिम महिलाएं खुश
मुस्लिम महिलाओं के लिए अभिशाप बने तत्काल तीन तलाक पर अपराध संबंधी विधेयक को राज्यसभा ने मंगलवार को पारित कर दिया गया। तलाकशुदा महिलाओं में खासा उत्साह है। इससे जिले की मुस्लिम महिलाओं में भी खुशी की लहर दौड़ गई। भाजपा कार्यालय में बुधवार को गौरव दिवस के रूप में मनाया गया। महिलाओं ने मिठाई बांटकर खुशी का इजहार किया। मोदी सरकार की पहल की सराहना की। उनका मानना है कि अब किसी को तीन तलाक से बेघर नहीं होना पड़ेगा।
जासं, कौशांबी : मुस्लिम महिलाओं के लिए अभिशाप बने तत्काल तीन तलाक पर अपराध संबंधी विधेयक को राज्यसभा ने मंगलवार को पारित कर दिया गया। तलाकशुदा महिलाओं में खासा उत्साह है। इससे जिले की मुस्लिम महिलाओं में भी खुशी की लहर दौड़ गई। भाजपा कार्यालय में बुधवार को गौरव दिवस के रूप में मनाया गया। महिलाओं ने मिठाई बांटकर खुशी का इजहार किया। मोदी सरकार की पहल की सराहना की। उनका मानना है कि अब किसी को तीन तलाक से बेघर नहीं होना पड़ेगा।
मुख्यालय स्थित भाजपा कार्यालय में बुधवार को जिलाध्यक्ष रमेश पासी की अगुवाई में मुस्लिम महिलाओं ने पार्टी के लोगों समेत एक-दूसरे को मिठाई खिलाई। महिलाओं ने कहा कि आजादी के बाद से भले ही उन्हें बराबरी का दर्जा दिया गया हो लेकिन महिलाएं उपेक्षा का शिकार होती रही हैं। बगैर किसी कसूर के मुस्लिम पुरुष तीन तलाक कहकर उन्हें घर से बेगाना बना देते थे लेकिन यह विधिक नहीं था। तीन तलाक बिल पास होने से मुस्लिम समाज की महिलाओं को अब जाकर पूर्ण रूप से आजादी मिली है। तलाक देने की बात आएगी तो वह भी न्यायालय में पहुंचकर अपना पक्ष रख सकेंगी। जिलाध्यक्ष रमेश पासी ने कहा आजादी के बाद से अब मुस्लिम महिलाओं को सही मायने में बराबरी का अधिकार मिला है। करारी इस दौरान शकीला बानो, रूकसाना बानो, रूमाना खातून, रिजवाना बानो, परवीन बानो समेत भाजपा के उदयन सिंह, चंद्रदत्त शुक्ल, ओमनारायण शुक्ल, प्रतिभा कुशवाहा, परमजीत सिंह, हैदर रिजवी, पंकज शर्मा, शब्बर रिजवी, मो, मजहर, मोनू, कृष्णा, कैलाश आदि शामिल रहे। अब कानूनी तरीके से होगा तलाक
कानूनी तरीके से तलाक को मंजूरी मिलेगी। करारी की सनई पर गांव निवासी सकीनाबानों ने बताया कि उनकी शादी वर्ष 2005 में नगर पंचायत करारी के शहजादे पुत्र मोहिउद्दीन के साथ हुई थी। बगैर कसूर के उनके पति ने तलाक देकर उन्हें घर के बाहर का रास्ता दिखा दिया है। अब पिता के घर रहकर अपने बेटे के साथ जीवन यापन कर रही हैं।
.. और ब्यूटी पार्लर बन गया सहारा
नगर पंचायत मंझनपुर के नया नगर प्रथम निवासिनी वहीदाबानों की शादी उस्मानपुर गांव जनपद गौतमबुध नगर निवासी रफाकत अली के साथ हुई थी वर्ष 2014 में उनके पति ने तलाक देकर घर से निकाल दिया। पिता के घर आकर दो बच्चों के साथ जीवन यापन कर रहे हैं। ब्यूटी पार्लर चलाकर अपने बच्चों के पढ़ाई की खर्च उठा रही हैं।
दूसरी औरत के चक्कर में दिया तलाक
मूरतगंज ब्लॉक के उमरछा गांव निवासी सफीना बेगम की शादी प्रयागराज के मो. चांद के साथ 2001 मे हुई थी। शादी के चार साल बाद वह दूसरी औरत के चक्कर में पड़ गए और सफीना बेगम को तलाक दे दिया। इनके दो बेटे है जिनको वो अरबी की टयूशन करके पढ़ा रही है। तीन तलाक बिल पास होने से वो बहुत खुश है।