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तीन तलाक : सोफिया व नूरसबा को अब तक नहीं मिला इंसाफ

मुस्लिम समाज में नारी की स्थिति दयनीय बनी हुई थी। मुस्लिम महिलाएं तो बस एक अबला-सी बन कर रह गई थीं उन्होंने शायद धार्मिक स्थितियों के आगे समर्पण कर दिया था लेकिन लोकतांत्रिक देश में मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए 30 जुलाई 2019 को तीन तलाक को अवैध करार दिया गया। कानून लागू होने के बाद सरकार ने तीन तलाक से पीड़ित महिलाओं का मुकदमा दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई का निर्देश अफसरों को दिया। इसके बाद भी महिलाओं को इंसाफ नहीं मिल पा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 01 Aug 2020 10:57 PM (IST)Updated: Sat, 01 Aug 2020 10:57 PM (IST)
तीन तलाक : सोफिया व नूरसबा को अब तक नहीं मिला इंसाफ
तीन तलाक : सोफिया व नूरसबा को अब तक नहीं मिला इंसाफ

कौशांबी : मुस्लिम समाज में नारी की स्थिति दयनीय बनी हुई थी। मुस्लिम महिलाएं तो बस एक अबला-सी बन कर रह गई थीं, उन्होंने शायद धार्मिक स्थितियों के आगे समर्पण कर दिया था, लेकिन लोकतांत्रिक देश में मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए 30 जुलाई 2019 को तीन तलाक को अवैध करार दिया गया। कानून लागू होने के बाद सरकार ने तीन तलाक से पीड़ित महिलाओं का मुकदमा दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई का निर्देश अफसरों को दिया। इसके बाद भी महिलाओं को इंसाफ नहीं मिल पा रहा है।

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संसद से तीन तलाक को अवैध ठहराने वाला अध्यादेश तो पारित हो गया है, लेकिन जिम्मेदारों की अनदेखी की वजह से जिले की कई महिलाओं को अभी भी इंसाफ का इंतजार है। कोखराज थाना क्षेत्र के आलमचंद निवासी सोफिया पुत्री साकिर अहमद ने बताया कि उसकी शादी छीतापुर गांव के अफरोज के साथ तीन वर्ष पूर्व हुई थी। शादी के बाद अफरोज बंगलौर चले गए थे। महिला का आरोप है कि शादी के बाद से ही ससुराली जन दहेज की मांग करते थे। मांग पूरी न होने पर मारपीट भी करते थे। पति ने तीन बार तलाक भी दिया। इस संबंध में महिला ने दस माह पूर्व कोखराज पुलिस से शिकायत भी किया। मुकदमा नहीं दर्ज किया गया तो कोर्ट से 156 के तहत दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराया है। इसी प्रकार कोखराज थाना क्षेत्र के कासिमपुर निवासी नूरसबा का निकाह शाहिद के साथ हुआ था। महिला का आरोप है कि शादी के चार माह बाद से ही ससुराल पक्ष के लोग दहेज के लिए मारपीट करने लगे थे। मांग पूरी न होने पर घर से निकाल दिया था। इससे परेशान होकर घरेलू हिसा का मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमे की पैरवी करने के लिए जिला मुख्यालय मंझनपुर स्थित न्यायालय गई थी। न्यायालय परिसर के बाहर पति व ससुराल पक्ष के लोग मुकदमा वापस करने का दबाव बनाया। इंकार किया तो पति ने तीन बार तलाक बोलकर न्यायालय परिसर में महिला के साथ मारपीट किया। वहां पर मौजूद अधिवक्ताओं ने बीच बचाव कर मामले को शांत कराया। इस संबंध में पुलिस अधीक्षक अभिनंदन का कहना है कि सोफिया व नूरसबा के पति ने तीन तलाक दिया है। इसकी जानकारी नहीं है। यदि वह नए स्तर से शिकायत करेंगी तो मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।


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