यमुना का जलस्तर घटते ही सक्रिय हुए बालू माफिया
चायल कौशांबी यमुना नदी में बाढ़ के बाद जलस्तर कम होते ही बालू खनन माफिया सक्रिय हो गए
चायल, कौशांबी : यमुना नदी में बाढ़ के बाद जलस्तर कम होते ही बालू खनन माफिया सक्रिय हो गए हैं। सराय अकिल के मल्हीपुर घाट पर अभी खनन की अनुमति नहीं है, बावजूद इसके यमुना से अवैध रूप से बालू का खनन किया जा रहा है। इस खनन को राजनैतिक संरक्षण मिला है। ऐसे में पुलिस भी कार्रवाई नहीं कर रही। अवैध कारोबार से बालू माफिया मोटी रकम काट रहें है, जबकि राजस्व को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
चायल के मोहम्मदाबाद, नंदा का पुरवा, मल्हीपुर, उम्रवल, औधन, रसूलपुर ब्यूर आदि घाटों के पट्टेधारकों ने खनन विभाग की रायल्टी जमा नहीं की है। ऐसे में उन्हें दोबारा खनन की अनुमति नहीं मिली है। इसके बाद भी इन घाटों पर राजनैतिक संरक्षण के चलते खनन हो रहा है। माफिया घाट से मोटी बालू ऊंट और खच्चरों पर लादकर बस्ती तक लाते हैं। इसके बाद इन्हें ट्रकों व ट्रैक्टर से बाहर भेजते हैं। ऐसे में करीब 1800 रुपये के भुगतान करने के बाद माफिया को करीब पांच से सात हजार रुपये की आय हो रही है। स्थानीय लोग इसकी सूचना पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को देते हैं, लेकिन बालू माफिया के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती। एक ग्रामीण की मानें तो शिकायत करने पर शिकायत कर्ता के खिलाफ ही किसी न किसी मामले में कार्रवाई कर दी जा रही है।
-------------------
रात में होती है बालू की तस्करी :
पिपरी थाना क्षेत्र के औधन गांव में अवैध तरीके से बालू को डंप किया गया है। बिना अनुमति की डंप इस बालू को एक राजनैतिक संरक्षण प्राप्त व्यक्ति का बताया जा रहा है। यहां से प्रतिदिन रात में बालू की अवैध तस्करी की जा रही है। राजनैतिक संरक्षण के कारण न तो गांव के लोग विरोध कर पा रहे है और न ही पुलिस किसी प्रकार की कार्रवाई कर रही है।