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टपकती है स्कूल की छत... मुझे नहीं बैठना

मिशन कायाकल्प से विद्यालयों की दशा में सुधार के दावे किए जाते हैं लेकिन स्कूलों की जर्जर होने से टपकती है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Aug 2022 11:28 PM (IST)Updated: Tue, 23 Aug 2022 11:28 PM (IST)
टपकती है स्कूल की छत... मुझे नहीं बैठना
टपकती है स्कूल की छत... मुझे नहीं बैठना

टपकती है स्कूल की छत... मुझे नहीं बैठना

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संसू,सिराथू: मिशन कायाकल्प से विद्यालयों की दशा में सुधार के दावे किए जाते हैं लेकिन, कई विद्यालयों की दशा इसके विपरीत है कहीं छत जर्जर होने से टपकती है तो कहीं शौचालयों की व्यवस्था नहीं है। सिराथू के फतेहपुर बेला के बच्चे पानी टपकती स्कूल की छत के नीचे बैठने को मजबूर होते हैं। हल्की वर्षा होने पर कक्षा से गिनती पहाड़ा नहीं, सर पानी टपक रहा मुझे यहां नहीं बैठना की आवाज सुनाई देती है। सिराथू बीआरसी के संविलियन विद्यालय फतेहपुर बेला में मिशन कायाकल्प नहीं नजर आया। विद्यालय की छत जर्जर होने से हल्की वर्षा होने पर पानी टपकने लगता है। जर्जर छत कब गिर जाए। इसका भी भरोसा नहीं है। ऐसे में शिक्षक व बच्चे दहशत में रहते हैं। इस विद्यालय का वर्ष 2005 में हुआ। स्कूल में 290 विद्यार्थी मौजूदा समय में पंजीकृत हैं। शिक्षण कार्य के लिए पांच अध्यापकों की नियुक्ति की गई है। ---- प्राथमिक विद्यालय का भवन जर्जर हो गया है। छत में जगह-जगह दरार होने के कारण वर्षा होने पर पानी टपकता है। इससे बच्चों को दिक्कत होती है। पठन-पाठन भी बाधित होता है। भवन की मरम्मत के लिए विभाग को पत्र भेजा गया है। मनोज कुमार, प्रधानाध्यापक - विद्यालय भवन के जर्जर होने की जानकारी उच्चाधिकारियों को दी गई है। बजट मिलने पर भवन की मरम्मत कराई जाएगी। जवाहरलाल यादव, खंड शिक्षा अधिकारी


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