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गरीबों को आवास की दरकार, झोपड़ी में कटती है रात

जासं, कौशांबी : गरीबों के हित के लिए सरकार भले ही जन कल्याणकारी योजनाएं चला रही हैं, लेकिन उदासीनता

By JagranEdited By: Published: Sun, 06 Jan 2019 06:40 PM (IST)Updated: Sun, 06 Jan 2019 06:40 PM (IST)
गरीबों को आवास की दरकार, झोपड़ी में कटती है रात
गरीबों को आवास की दरकार, झोपड़ी में कटती है रात

जासं, कौशांबी : गरीबों के हित के लिए सरकार भले ही जन कल्याणकारी योजनाएं चला रही हैं, लेकिन उदासीनता से गरीबों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। अपने हक की आवाज भी पात्र उठाते हैं तो सुनने वाला कोई नहीं है। करोड़ों खर्च के बाद भी कई गांव बदहाल हैं।

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इसका जीता जागता नमूना रविवार को विकास खंड सिराथू की ग्राम पंचायत भड़ेसर में देखा गया। गांव के कुछ रास्तों में दूषित पानी का भराव व झोपड़ी विकास कार्य की पोल खोल रहा था। सफाई के अभाव में नालियां चोक हो गई हैं, जिसकी वजह से लोगों के घरों का पानी रास्ते में फैला हुआ है। इसकी शिकायत ग्रामीणों ने प्रधान व एडीओ पंचायत से की थी। इसके बाद भी सफाई कर्मी नहीं आया, जिसकी वजह से लोगों को स्वयं सफाई करना पड़ रहा है। गांव के आधा दर्जन गरीबों को प्रधानमंत्री आवासीय योजना का लाभ नहीं मिल। इससे लोगों को झोपड़ी नुमा घर में रहना पड़ रहा है। ग्रामीणों की माने तो कई अपात्रों को आवासीय सुविधा दी गई है।

इसकी शिकायत भी लोगों ने खंड विकास अधिकारी से की थी। इसके बाद भी जांच कराकर कार्रवाई नहीं की गई है। बिजली के पोल में स्ट्रीट लाइट नहीं लगाई गई। इससे रास्ते में अंधेरा रहता है। कई महिलाओं को वृद्धा व विधवा पेंशन नहीं मिल रही है। इससे उन्हें रोजमर्रा खर्च में परेशानी होती है। गांव का इतिहास

भड़सर 1956 में ग्रामपंचायत बनी। चुनाव के बाद से ही गांव को विकसित करने के लिए कार्ययोजना बनाई। यहां पर पूर्व माध्यमिक व प्राथमिक स्कूल भी है। जिला मुख्यालय होने से स्टेट बैंक भी है। क्षेत्र की विशेषताएं

गांव के पश्चिम की ओर पुराना शिव मंदिर व पीपल का वृक्ष है। यहां पर सुबह शाम पूजा के लिए दर्जनों लोग पहुंचते हैं। शाम के समय आरती होती है। हर वर्ष महाशिवरात्रि पर मेला भी लगता है। ग्रामीणों का दर्द

गांव के कई रास्तों पर नाली नहीं बनाई गई। लोगों के घरों से निकला दूषित पानी रास्ते पर भरा रहता है। रास्ते में जल भराव से परेशानी हो रही है।

- छेदीलाल प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ के लिए एक वर्ष पूर्व सूची में नाम डलवाया था। इसके बाद भी प्रधान व सचिव ने ध्यान नहीं दिया।

- संतोष कुमार वृद्धा पेंशन के लिए पांच माह पूर्व ऑनलाइन फॉर्म भरवाया था। इसके बाद भी बैंक खाते में पेंशन की धनराशि नहीं भेजी जा रही है।

- दुखली गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करती हूं। प्रधानमंत्री आवासीय सुविधा पाने के लिए पिछले वर्ष खुली बैठक में नाम प्रस्तावित था।

- रामदुलारी गांव में छ: माह से सफाईकर्मी नहीं आया। इससे जगह- जगह कूड़े का ढेर लगा है। नालियां चोक हो गई हैं। शिकायत के बाद भी सफाई नहीं कराई गई।

- वीरेंद्र कुमार

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प्राथमिक स्कूल में रसोईया पद में तैनात हूं। जुलाई माह से मानदेय नहीं मिला। इसकी शिकायत प्रधान व खंड शिक्षा अधिकारी से की थी। इसके बाद भी ध्यान नहीं दिया गया।

बेलारानी विकास खंड सिराथू की ग्राम पंचायत भड़ेसर का समुचित विकास नहीं कराया गया है। वहां में सफाई कर्मचारी नहीं पहुंच रहा है। इसकी जानकारी नहीं थी। यदि ऐसा है तो मामले की जांच डीपीआरओ से कराई जाएगी।

इंद्रसेन ¨सह, सीडीओ


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