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कुएं में जहरीली गैस से ग्रामीण की मौत

कौशांबी । सूखे कुएं में गिरे बछड़े को निकालने के लिए उतरे ग्रामीण की दम घुटने से मौत होक गई।

By JagranEdited By: Published: Mon, 04 Sep 2017 11:15 PM (IST)Updated: Mon, 04 Sep 2017 11:15 PM (IST)
कुएं में जहरीली गैस से ग्रामीण की मौत
कुएं में जहरीली गैस से ग्रामीण की मौत

कौशांबी । सूखे कुएं में गिरे बछड़े को निकालने के लिए उतरे ग्रामीण की दम घुटने से मौत हो गई। कुएं में पानी नहीं होने के चलते जहरीली गैस निकल रही है। ग्रामीणों ने कुएं में लोहे का कांटा डालकर शव बाहर निकाला। पुलिस ने ग्रामीण के बेटे की तहरीर पर कुएं में उतारने वाले रामचंद्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।

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पूरामुफ्ती थाना क्षेत्र के गांव फतेहपुरघाट निवासी रामचंद्र यादव के घर के सामने पुराना सूखा कुआं है, जिसमें पानी नहीं होने से जहरीली गैस निकल रही है। सोमवार की सुबह करीब सात बजे रामचंद्र का बछड़ा अचानक उस कुएं में गिर गया। बछड़े के गिरने की जानकारी होने पर दर्जनों ग्रामीण जुट गए और बछड़े को निकालने के लिए गांव के ही रामअवतार (45) को बुलवाया गया। रामअवतार सूखे कुएं में उतर गए। कुएं में जहरीले गैस के चलते कुछ दूर नीचे जाने के बाद उनका दम दम घुटने लगा। शोर मचाते तब तक उनके हाथ से रस्सी छूट गई और वे कुएं में जा गिरे। जानकारी होने के बाद रामअवतार का बेटा दिलीप मौके पर पहुंचा। दिलीप ने कुएं में उतरने का प्रयास किया, लेकिन गैस की बदबू की वजह से वह नहीं उतर सका। रामअवतार की कुछ देर बाद ही मौत हो गई। घटना की सूचना ग्रामीणों ने पूरामुफ्ती पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने नलकूप से कुएं में पानी डालवाया, जिससे गैस का असर कम हुआ। इसके बाद पुलिस व ग्रामीणों ने लोहे का कांटा डालकर शव बाहर निकाला। शव को देखने ही परिजन फूट-फूट कर रोने लगे। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। रामअवतार के बेटे दिलीप की तहरीर पर पुरामुफ्ती पुलिस ने रामचंद्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।

कुएं में गैस से ऐसे करें बचाव

डॉ. नरेंद्र ¨सह ने बताया कि कुएं के अंदर आक्सीजन की कमी के चलते मीथेन गैस बन जाती है। ऐसे में कुएं में किसी का भी उतरता प्राण घातक होता है। यदि किसी कुएं में गैस की आशंका दिखे तो उसमें जलता हुआ चिराग डाल कर परीक्षण किया जा सकता है। यदि चिराग बुझ जाए तो समझें की उसमें गैस निकल रही है। कुएं की गैस का प्रभाव कम करने के लिए उसमें पानी की फुहारे मारें। संभव हो तो ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ ही कुएं में उतरे।


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