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मोहल्ले का तो नाम है गांधी नगर, समस्याओं का लगा है अंबार

चायल कस्बा के वर्ड तीन गांधी नगर मोहल्ला के लिए अब तक करोड़ों रुपये जरूर खर्च किया गया है लेकिन यहां रहने वाले लोगों को समस्या से निजात नहीं मिल सकी। नाला निर्माण के बाद भी उनको दूषित पानी से निकलने वाली बदबू और उसमें से उत्पन्न हो रहे मछरों के बीच रहने को मजबूर होना पड़ रहा। कई पात्र अभी आवास की आस लगाए बैठे हैं। तो आधा दर्जन कस्बाई दो सालों से आवासीय लाभ की तीसरी किस्त का इंतजार कर रहे हैं। मोहल्ले के बदहाल व कीचड़ युक्त रास्ते आधे अधूरे शौचालय इसकी पोल खोल रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Oct 2021 11:13 PM (IST)Updated: Sun, 17 Oct 2021 11:13 PM (IST)
मोहल्ले का तो नाम है गांधी नगर, समस्याओं का लगा है अंबार
मोहल्ले का तो नाम है गांधी नगर, समस्याओं का लगा है अंबार

कौशांबी। चायल कस्बा के वर्ड तीन गांधी नगर मोहल्ला के लिए अब तक करोड़ों रुपये जरूर खर्च किया गया है, लेकिन यहां रहने वाले लोगों को समस्या से निजात नहीं मिल सकी। नाला निर्माण के बाद भी उनको दूषित पानी से निकलने वाली बदबू और उसमें से उत्पन्न हो रहे मच्छरों के बीच रहने को मजबूर होना पड़ रहा। कई पात्र अभी आवास की आस लगाए बैठे हैं। तो आधा दर्जन कस्बाई दो सालों से आवासीय लाभ की तीसरी किस्त का इंतजार कर रहे हैं। मोहल्ले के बदहाल व कीचड़ युक्त रास्ते, आधे अधूरे शौचालय इसकी पोल खोल रहा है। दैनिक जागरण टीम ने रविवार को वार्ड तीन गांधी नगर मोहल्ले में स्थित जर्जर हो चुके नगर पंचायत और पानी टंकी के पास पहुंचकर उनकी समस्या जानी।

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चायल कस्बा के वार्ड तीन गांधी नगर निवासी सोनू, श्रीराम, मंजू देवी, श्री देवी, बीरेंद्र कुमार, हरिप्रकाश, मान देवी आदि लोगों ने बताया कि मोहल्ले में गंदे पानी निकासी के लिए बना नाला सबसे बड़ी मुसीबत है। वार्ड तीन समेत चार और पांच का भी पानी निकासी इसी नाले से है। तिल्हापुर मोड़ से मनौरी सड़क मार्ग से मोहल्ले के पूरब स्थित बड़ा तालाब तक करीब एक किलोमीटर का नाला 15 वर्ष पहले बनाया गया था। जो कुछ ही दिन बाद से जगह-जगह से ढह गया। नाला का तालाब की शक्ल में मोहल्ले में फैल रह है। जिससे नाले से निकलती बदबू और मच्छरों के प्रकोप से लोगों में गंभीर बीमारी फैलने की आशंका भी बनी हुई है। स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत दिए गए गरीबों को निश्शुल्क शौचालय अभी भी आधा अधूरा है। जो बने थे वह भी बदहाल हो चुके हैं। मोहल्ले में दो साल से सोलर लाइट के लिए एक पोल लगा हुआ है। जिसकी बल्व व बैट्री गायब है। स्ट्रीट लाइट भी शो पीस बने हुए हैं। जबकि मोहल्ले में अंधेरा छाया रहता है। कस्बा के लोगों ने इसकी शिकायत अधिशासी अभियंता से किया था, लेकिन कस्बा के लोगों को इन समस्याओं से उबारा नहीं गया है। कस्बाइयों ने बताया कि बारिश में नाला में अधिक पानी जमा हो जाता है। जिससे मोहल्ले की गलियां तो जलमग्न हो ही जाती है। साथ लोगों के घरों में भी पानी घुसने लगता है। जिससे लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। झोपड़ी में गुजारा, बेटी के हाथ पीले करने की चाह

चायल नगर पंचायत के वार्ड तीन गांधी नगर मोहल्ला निवासी टनकू पुत्र स्वर्गीय मनोहर लाल की पत्नी रेखा देवी की मौत सालों पहले बीमारी के चलते हो चुकी है। घर में 12 वर्षीय बेटी अनीता के साथ टनकू रहते हैं। मजदूरी करके एक घास फूस के छप्पर में रहकर गुजारा करते हैं। टनकू ने बताया कि बेटी अनीता बड़ी हो रही है। उसके हाथ पीले करने हैं। इसके लिए वह मेहनत मजदूरी करके बेटी की शादी के लिए रुपये इकठ्ठा करने में जुटे हैं। और एक घास फूस के छप्पर में गुजारा कर रहे हैं। उसी में चूल्हा चौका समेत गृहस्थी भी रखी है। दो सालों से नहीं मिली आवास की बाकी किश्त

गांधी नगर मोहल्ले की श्रीदेवी, सुग्गन लाल आदि ने बताया कि दो साल पहले उनको प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया गया है। जिसकी दो किश्ते तो किसी तरह उनके खाता में आ गई है। जिससे मकान की दीवारें उठ गई है। तीसरी किश्त अभी भी बाकी है। जिससे उनके घरों की छत पड़नी बाकी है। दो साल बीतने के बाद भी अभी किश्त आने का इंतजार कर रहे हैं। गांधी नगर मोहल्ले के मंजू देवी, हरिप्रकाश, मिलन, बीरेंद्र ने बताया कि पात्र होने के बाद भी उन्हें आवास नहीं दिया गया है। जिससे वह अभी भी कच्चे मकानों में रहने को मजबूर हैं। इसी प्रकार मंदा देवी को विधवा पेंशन नहीं मिल रही है। जिससे वह दो वक्त की रोटी समेत घरेलू खर्च चलाने में परेशान है। लोगों ने अपनी-अपनी समस्याओं को लेकर अधिशासी अभियंता को जानकारी दी, लेकिन ध्यान नहीं दिया गया है।


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