¨प्र¨टग प्रेस का सुपरवाइजर ही निकला मास्टर माइंड
जागरण संवाददाता, कौशांबी : वर्ष 2015 बीटीसी परीक्षा पेपर लीक प्रकरण में क्राइम ब्रांच टीम को सफलता मिल ही गई। प्रि¨टग प्रेस में सुपरवाइजर के पद पर काम करने वाले मिर्जापुर के मास्टर माइंड को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जांच कर रहे क्राइम ब्रांच प्रभारी पवन त्रिवेदी सुपरवाइजर के भांजे से पूछताछ के बाद हरकत में आए। इस बीच 15 संदिग्ध युवकों से पुलिस ने पूछताछ की। शनिवार को आरोपित सुपरवाइजर की गिरफ्तारी की और उसके जुर्म कबूल करने के बाद कार्रवाई करते हुए चालान न्यायालय भेजा।
जागरण संवाददाता, कौशांबी : वर्ष 2015 बीटीसी परीक्षा पेपर लीक प्रकरण में क्राइम ब्रांच टीम को सफलता मिल ही गई। प्रि¨टग प्रेस में सुपरवाइजर के पद पर काम करने वाले मिर्जापुर के मास्टर माइंड को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जांच कर रहे क्राइम ब्रांच प्रभारी पवन त्रिवेदी सुपरवाइजर के भांजे से पूछताछ के बाद हरकत में आए। इस बीच 15 संदिग्ध युवकों से पुलिस ने पूछताछ की। शनिवार को आरोपित सुपरवाइजर की गिरफ्तारी की और उसके जुर्म कबूल करने के बाद कार्रवाई करते हुए चालान न्यायालय भेजा।
बीटीसी चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा बीते आठ अक्टूबर को जिले के दो केंद्रों में होनी थी। एक दिन पहले पेपर लीक होने से विभाग के अफसरों में हड़कंप मच गया। जिला विद्यालय निरीक्षक ने मंझनपुर कोतवाली में अज्ञात लोगों पर केस दर्ज कराया। स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) व क्राइम ब्रांच को जांच सौंपी। केंद्रों पर पेपर पहुंचाने की जिम्मेदारी लेने वाले आशीष अग्रवाल निवासी कर्नलगंज प्रयागराज व ¨प्र¨टग प्रेस मालिक अर¨वद भार्गव की भूमिका प्रकाश में आई। पूछताछ के बाद 13 अक्टूबर को उन्हें जेल भेज दिया गया। क्राइम ब्रांच प्रभारी को माह भर पहले उठाए अझुवा के शिक्षक से जानकारी मिली कि फतेहपुर के युवकों ने वाट्सएप से पेपर लीक किया। चित्रकूट का एक युवक जिसका ननिहाल धाता में है, उसके साथी ने ब्लूटूथ के जरिए तीसरे व्यक्ति से पेपर प्राप्त किया था। मिर्जापुर जिले के रजई लालगंज निवासी राहुल पटेल की भूमिका संदिग्ध पाने पर चार दिन पहले पूछताछ में बताया कि उसका मामा रामबहादुर पुत्र विक्रांत ¨सह निवासी असमान पट्टी लालगंज मिर्जापुर अर¨वद भार्गव के ¨प्र¨टग प्रेस में काम करता है। उसी ने कुछ पेपर दिए थे। प्रभारी क्राइम ब्रांच पवन त्रिवेदी ने बताया कि ¨प्र¨टग प्रेस के सुपरवाइजर ने रुपये की लालच में मालिक अर¨वद भार्गव के कहने पर अपने भांजे को पेपर बेचने के लिए दिए थे। सुपरवाइजर रामबहादुर ने जुर्म कबूल कर लिया है।