दैनिक मजदूरों की दिहाड़ी पर वन विभाग की कुंडली
जनपद में वन विभाग की 10 नर्सरी मे तीन दर्जन से अधिक दैनिक मजदूरों ने काम किया। काम करने के महीनों बाद भी कई मजदूरों की दिहाड़ी नहीं दी गई है। इससे उनका परिवार भुखमरी की कगार पर हैं। मजदूरी का भुगतान न होने से परेशान मजदूरों ने मामले की शिकायत डीएम व डीएफओ से की है। प्रकरण को गंभीरता लेने के बाद जिलाधिकारी ने मामले की जांच कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
जासं, कौशांबी : जनपद में वन विभाग की 10 नर्सरी मे तीन दर्जन से अधिक दैनिक मजदूरों ने काम किया। काम करने के महीनों बाद भी कई मजदूरों की दिहाड़ी नहीं दी गई है। इससे उनका परिवार भुखमरी की कगार पर हैं। मजदूरी का भुगतान न होने से परेशान मजदूरों ने मामले की शिकायत डीएम व डीएफओ से की है। प्रकरण को गंभीरता लेने के बाद जिलाधिकारी ने मामले की जांच कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
मंझनपुर तहसील क्षेत्र के गोपाल पुर टेन शाह आलमाबाद निवासी प्रेमचंद ने जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा से शिकायत किया कि एक अक्टूबर 2018 से लगातार कोर्रो नर्सरी में पौध की देख रेख कर रहा है। आज तक मजदूरी का भुगतान विभाग ने नहीं नहीं किया। बार-बार कहने पर पिछले महीने बैंक खाते में तीन हजार रुपये भेजे गए। 80 हजार रुपये मजदूरी बकाया है। इसी तरह भेलखा गांव निवासी हुबलाल को सात माह की मजदूरी नहीं दी गई है। इसी प्रकार समसपुर, नेवादा, अलीपुरजीता समेत 10 स्थानों में वन विभाग की नर्सरी है। यहां पर तैनात कई मजदूरों की दिहाड़ी का भुगतान नहीं किया गया है। बकाया मजदूरी लेने के लिए मजदूर रेंज कार्यालय का चक्कर काट रहे है। इस संबंध में प्रभागीय वन अधिकारी पीके सिनहा का कहना है कि मजदूरों ने बकाया मजदूरी की मांग की है। किसका कितना बकाया है। इसकी जांच कराई जाएगी।