मवेशियों को बेसहारा छोड़ने पर अब देना होगा जुर्माना
जासं कौशांबी पशुओं को बेसहारा छोड़ने वालों की खैर नहीं होगी। दूध न देने व कमजोर मवेशियों को आवारा छोड़ने से किसानों के लिए समस्या हो रही है। इसे जिला प्रशासन से काफी गंभीरता से लिया है। डीएम ने निगरानी के लिए डीएम का गठन किया। टीम के सदस्य पशुपालकों पर नजर रखेंगे। मवेशियों को छोड़ने पर कार्रवाई होनी तय है। पांच हजार रुपये तक का जुर्माना या मुकदमा दर्ज हो सकता है।
जासं, कौशांबी : पशुओं को बेसहारा छोड़ने वालों की खैर नहीं होगी। दूध न देने व कमजोर मवेशियों को आवारा छोड़ने से किसानों के लिए समस्या हो रही है। इसे जिला प्रशासन से काफी गंभीरता से लिया है। डीएम ने निगरानी के लिए डीएम का गठन किया। टीम के सदस्य पशुपालकों पर नजर रखेंगे। मवेशियों को छोड़ने पर कार्रवाई होनी तय है। पांच हजार रुपये तक का जुर्माना या मुकदमा दर्ज हो सकता है।
गोवंश संरक्षण को लेकर शासन व प्रशासन सख्त है। बेसहारा मवेशियों को रखने के लिए जनपद में दो दर्जन से अधिक पशु आश्रय स्थल बनाने गए हैं जहां 2800 से अधिक मवेशी रखे गए हैं, लेकिन कुछ पशुपालक दूध न देने वाले व कमजोर मवेशियों को छोड़ते हैं जो फसल को चट कर रहे हैं। इसकी शिकायत जनपद वासियों ने डीएम मनीष कुमार वर्मा से की थी, जिसे संज्ञान में लेने के बाद जिलाधिकारी ने कार्रवाई के लिए खाका तैयार कर लिया है। उन्होंने बताया कि पशुओं को बेसहारा छोड़ने वालों की निगरानी के लिए जिला ब्लॉक, तहसील व ग्रामसभा स्तर पर टीम का गठन किया है जो पशुओं को छोड़ने वालों की रिपोर्ट देंगे। रिपोर्ट के आधार पर पांच हजार तक का जुर्माना या मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। कौन-कौन करेंगे निगरानी
डीएम के निर्देश के मुताबिक गठित की टीम में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, सभी खंड विकास अधिकारी, एडीओ पंचायत, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, पशु चिकित्सक, प्रधान व सचिव शामिल हैं। जिलाधिकारी के निर्देश के मुताबिक सभी अधिकारी भ्रमण कर मवेशियों को छोड़ने वालों की सूची तैयार करेंगे। उन उन पर कार्रवाई होना तय है।