वाणिज्य कर विभाग समय पर नहीं जमा किया जा रहा टीडीएस
संवाद सूत्र, चायल : गुड एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) की नई प्रणाली से हर महीने भुगतान किए बिलों से टैक्स डिडेक्टेड एट सोर्स (टीडीएस) काटकर सरकारी खजाने में जमा करना होता है। टीडीएस जमा कराने की जिम्मेदारी वाणिज्य कर विभाग को दी गई, लेकिन विभाग की शिथिलता से सरकारी कार्यालयों से भुगतान की गई धनराशि का टीडीएस समय पर नहीं जमा हो रहा है।
संवाद सूत्र, चायल : गुड एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) की नई प्रणाली से हर महीने भुगतान किए बिलों से टैक्स डिडेक्टेड एट सोर्स (टीडीएस) काटकर सरकारी खजाने में जमा करना होता है। टीडीएस जमा कराने की जिम्मेदारी वाणिज्य कर विभाग को दी गई, लेकिन विभाग की शिथिलता से सरकारी कार्यालयों से भुगतान की गई धनराशि का टीडीएस समय पर नहीं जमा हो रहा है।
वाणिज्य कर विभाग नियमानुसार ढाई लाख या इससे ऊपर के बिल भुगतान पर टीडीएस कटौती होती है। इस धनराशि को माह की 10 तारीख को आहरण वितरण अधिकारी को सरकारी खजाने में अनिवार्य रूप से जमा कराने का निर्देश दिया है। नई टीडीएस प्रणाली में दो प्रतिशत टैक्स कटौती का प्रावधान है। टीडीएस जमा करने के बाद टैक्स दाता को धनराशि के कटौती का प्रमाणपत्र भी दिया जाता है। इसके लिए डीएम ने वाणिज्य कर विभाग के अधिकारियों को स्पष्ट रूप से निर्देश भी जारी किया है, लेकिन सरकारी विभागों के जिला व तहसील स्तरीय कार्यालयों के अध्यक्षों व आहरण वितरण अधिकारी टीडीएस समय से जमा नहीं करते हैं। इसको लेकर अपर जिला अधिकारी राकेश कुमार श्रीवास्तव ने नाराजगी जताई है।
नियमानुसार खजाने में नहीं जमा कराया टीडीएस : जीएसटी की नई टीडीएस लागू होने के बाद विकास खंड नेवादा और कौशांबी में मनरेगा से मटेरियल खरीद में करोड़ों का भुगतान किया गया है। विभाग के अध्यक्ष और आहरण वितरण अधिकारी ने वाणिज्य कर विभाग को नए नियम के तहत टैक्स दो प्रतिशत टीडीएस कटौती कर अनिवार्य रूप से खजाने में जमा करना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। विभाग, राजस्व व स्वास्थ्य विभाग का काफी बकाया है। संबंधित विभागाध्यक्षों को टीडीएस जमा करने के लिए नोटिस जारी की गई है।
राकेश ¨सह, असिस्टेंट कमिश्नर।