सुखलाल को शराबी बता गुत्थी सुलझा रहे अफसर
जासं कौशांबी करारी थाना क्षेत्र के अवाना आलमपुर गांव में जहरीली शराब से हुई तीन लोगों की मौत को जिले के आला अधिकारी दबाने का प्रयास कर रहे हैं। अस्पताल में सुखलाल को शराबी बताकर पुलिस मामले सुलझा रही है लेकिन उसकी पत्नी का वीडियो वायरल होने से यह सच्चाई दब नहीं पा रही है। हालांकि घटना की दिशा बदलने में प्रशासनिक अफसर कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
जासं, कौशांबी : करारी थाना क्षेत्र के अवाना आलमपुर गांव में जहरीली शराब से हुई तीन लोगों की मौत को जिले के आला अधिकारी दबाने का प्रयास कर रहे हैं। अस्पताल में सुखलाल को शराबी बताकर पुलिस मामले सुलझा रही है लेकिन उसकी पत्नी का वीडियो वायरल होने से यह सच्चाई दब नहीं पा रही है। हालांकि घटना की दिशा बदलने में प्रशासनिक अफसर कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
अवाना आलमपुर गांव में होली खेलने के लिए शुक्रवार को कोटेदार इंबेश के यहां तमाम अधिक ग्रामीण इकट्ठा हुए। इस बीच कोटेदार ने सभी को शराब पिलाई। गांव के ही त्रिभुवन, सुखलाल, धीरज यादव व दिलीप की हालत शाम को अचानक बिगड़ गई। एक-एक करके त्रिभुवन, धीरज व दिलीप की मौत हो गई। जबकि सुखलाल जिदगी और मौत के बीच जिला अस्पताल में जूझ रहा है। धीरज व दिलीप का अंतिम संस्कार कर दिया। ऐसा क्यों किया गया इसे लेकर भी तरह-तरह की चर्चा है। कुछ लोगों का मानना है कि पुलिसिया दबाव के चलते ऐसा किया। वहीं कुछ दबी जुबान से कहते रहे कि कहीं परिवार पर किसी तरह की कार्रवाई न कर दी जाए, इससे चुप्पी साध रखी है। वहीं प्रशासनिक अफसर पूरे मामले को अपने स्तर से सुलझाने के लिए जहरीली शराब से मौत की बात को दरकिनार कर रहे हैं। अस्पताल में भर्ती सुखलाल के बारे में अफसरों का कहना है कि वह शराब का आदी है। अधिक पीने से हालत बिगड़ी है। जबकि उसकी पत्नी छोटकी चिल्ला-चिल्ला कर कहती रही कि उसके पति समेत तीनों ने भी शराब पी रखी थी। बेटे मुंबई में फिर भी धीरज का किया अंतिम संस्कार
मुंबई में रह रहे उसके दो बेटों को धीरज यादव की मौत की खबर परिवार वालों ने दी फिर भी आनन-फानन में अंतिम संस्कार कर दिया। आखिरी समय में वह पिता का चेहरा भी नहीं देख पाए। इसे लेकर भी लोगों में तरह-तरह की चर्चा है। लोगों का कहना है कि इतनी जल्दी भी क्या थी कि मुंबई से घर लौट रहे बेटों का भी इंतजार नहीं कर सके। वहीं परिवार वालों ने किसके दबाव में आकर अपना बयान बदल दिया कि धीरज शराब पीता ही नहीं था। उसका इलाज चल रहा था। ऐसे कई प्रश्न जिम्मेदारों की कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर रहे हैं।
पोस्टमार्टम में नहीं हुई पुष्टि, बिसरा सुरक्षित
परिवार के लोगों ने बिना पोस्टमार्टम के ही धीरज व दिलीप का अंतिम संस्कार कर दिया जबकि सुखलाल व त्रिभुवन को जिला अस्पताल लाया जा रहा था। त्रिभुवन ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। मामला सुर्खियों में आने के बाद एसपी के निर्देश पर उसका पोस्टमार्टम कराया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी मौत का कारण नहीं पता चल सका। इस संबंध में सीएमओ डॉ. पीएन चतुर्वेदी का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण नहीं पता चल सका है। इस पर बिसरा को सुरक्षित कर दिया गया है। प्रयोगशाला में बिसरा के परीक्षण के बाद ही मौत की असली वजह पता चल पाएगी।