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Umesh Pal: शूटर साबिर की बहन से एसटीएफ ने की पूछताछ, मृतक भाई जाकिर के मोबाइल में सुरक्षित आडियो भी सुनाई

Umesh Pal Murder प्रयागराज के चर्च‍ित उमेश पाल हत्‍याकांड के मुख्‍य शूटरों तक पहुंचने में पुल‍िस और एसटीएफ को कोई खास सफलता हाथ नहीं लगी है। ऐसे में एसटीएफ ने शूटर साब‍िर की बहन से करीब 3 घंटे की पूछताछ की है।

By Jagran NewsEdited By: Prabhapunj MishraPublished: Sat, 18 Mar 2023 08:07 AM (IST)Updated: Sat, 18 Mar 2023 08:07 AM (IST)
Umesh Pal: शूटर साबिर की बहन से एसटीएफ ने की पूछताछ, मृतक भाई जाकिर के मोबाइल में सुरक्षित आडियो भी सुनाई
Umesh Pal Murder: उमेश पाल हत्‍याकांड के गोल‍ियां बरसाता शूटर

कौशांबी, जासं। उमेश पाल हत्याकांड में ताबड़तोड़ दबिश देकर जिले के विभिन्न क्षेत्रों में संदिग्धों से पूछताछ करने के क्रम में एसटीएफ टीम शुक्रवार को कोखराज के महमदपुर गांव पहुंची। यहां शूटर साबिर की बहन गुड़िया से टीम ने पूछताछ की और मृतक भाई जाकिर के मोबाइल में सुरक्षित बातचीत की आडियो को सुनाते हुए आवाज की पहचान कराई। अहम साक्ष्य इकट्ठा करने के बाद एसटीएफ चली गई।

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एसटीएफ और कौशांबी पुल‍िस के हाथ नहीं लगा साब‍िर

उमेश पाल हत्याकांड में एसटीएफ की जांच में पूरामुफ्ती के हटवा निवासी साबिर का नाम प्रकाश में आया। पता चला कि वह शूटर था। ऐसे में उसकी तलाश एसटीएफ के अलावा कौशांबी पुलिस ने की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। हालांकि,उसके भाई जाकिर का शव बीते दिनों महमदपुर गांव के बाहर खेत में पड़ा मिला था। उसके पास से मोबाइल बरामद हुआ था। उसे कब्जे में लेकर कोखराज पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया तो हृदयगति रुकने से मौत की पुष्टि हुई। वहीं, मामला सुर्खियों में आने के बाद कोखराज पुलिस के अलावा एसटीएफ टीम एक बार फिर सक्रिय हो गई।

सब‍िर की बहन से एसटीएफ ने की तीन घंटे की पूछताछ

मृतक जाकिर के मोबाइल का सीडीआर खंगाला गया तो राला व सिहोरी गांव से कादिर और अबू जैद को उठाया गया। उनसे पूछताछ के बाद एसटीएफ टीम ने पड़ताल शुरू की तो यह तथ्य सामने आया कि मृतक जाकिर अपनी बहन गुड़िया निवासी महमदपुर के यहां रुका था। उसकी मोबाइल पर साबिर से बातचीत होती थी। एसटीएफ ने शुक्रवार को गुड़िया से पूछताछ की। बताया जा रहा है कि मृतक के मोबाइल पर सुरक्षित बातचीत के आडियो को सुनाया। गुड़िया से करीब तीन घंटे की पूछताछ के बाद टीम चली गई।

जेल में सतर्कता, अफसरों व बंदी रक्षकों का मोबाइल प्रतिबंधित

उमेश पाल हत्याकांड के बाद से जिला जेल में भी सतर्कता बढ़ा दी गई है। अब बैरक में बंदियों व कैदियों का हाल जानने के लिए जेल प्रशासन अपना मोबाइल नहीं ले जा सकता। जेल के आला अफसरों के निर्देश के बाद इस पर अमल किया जा रहा है। उमेश पाल हत्याकांड के बाद एसटीएफ ने मामले की जांच शुरू की तो पता चला कि गुजरात के साबरमती जेल से अतीक अहमद की भूमिका संदेह के दायरे में है। वह जेल में बैठे-बैठे पूरी घटना को अपने गुर्गों के जरिए अंजाम दिला रहा था।

इतना ही नहीं, बरेली की जेल भी जांच के दायरे में आई। ऐसे में शासन की ओर से यूपी के सभी जेल में सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। प्रभारी अधीक्षक भूपेश सिंह ने बताया कि जेल का कोई भी कर्मी या अफसर यदि बैरक की ओर जाता है तो उसका मोबाइल आफिस में जमा करा लिया जाता है। साथ ही सीसीटीवी कैमरे से नजर रखी जाती है। गैर जनपद से शिफ्ट हुए बंदियों व कैदियों पर विशेष नजर रखी जा रही है। उनसे मिलाई करने वाले लोगों के बारे में भी गहनता से छानबीन की जाती है।


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