Move to Jagran APP

सीता हरण का मंचन देख दर्शक मंत्रमुग्ध

जिला मुख्यालय मंझनपुर की रामलीला में शनिवार की रात सीता हरण व बालि वध का आकर्षक मंचन कर कलाकारों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। सोने का मृग देख सीता जी ने उसे पाने की जिद की। भगवान राम ने मृग का पीछा किया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Oct 2020 12:07 AM (IST)Updated: Sun, 25 Oct 2020 12:07 AM (IST)
सीता हरण का मंचन देख दर्शक मंत्रमुग्ध
सीता हरण का मंचन देख दर्शक मंत्रमुग्ध

कौशांबी : जिला मुख्यालय मंझनपुर की रामलीला में शनिवार की रात सीता हरण व बालि वध का आकर्षक मंचन कर कलाकारों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। सोने का मृग देख सीता जी ने उसे पाने की जिद की। भगवान राम ने मृग का पीछा किया। श्री राम को माया रूपी मृग काफी दूर जंगलों की ओर ले गया। हाय राम-हाय राम की गुहार सुन सीता जी व्याकुल हो गईं और लक्ष्मण को मदद के लिए भेजा। जाते समय उन्होंने कुटी के चारो ओर धनुष से रेखा खींच दी और मां सीता से उसके पार न जाने को कहा। लक्ष्मण के जाते ही रावण ब्राह्मण वेश में पहुंचा और भिक्षा के बहाने उनका हरण कर लिया। राम व लक्ष्मण सीता की खोज में वन-वन भटकते व विलाप करते किष्किधा पर्वत पहुंचे। यहां उनकी मित्रता सुग्रीव से हुई।

loksabha election banner

हनुमान ने जला डाली रावण की लंका

संसू, टेढ़ीमोड : शनिवार रात रामलीला के शहजादपुर रावण मैदान पर लंका दहन व अशोक वाटिका लीला का मंचन किया गया। हनुमान लीला में अरविंद तिवारी के कुशल अभिनय व रावण-अंगद संवाद ने दर्शकों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। रामलीला महोत्सव में दिखाया गया कि भगवान श्रीराम का आदेश पाकर हनुमान माता सीता की खोज में निकल पड़ते हैं। हनुमान समुद्र पार कर लंका पहुंचते हैं। अशोक वाटिका में माता सीता के पास पहुंचकर प्रणाम कर खुद को श्रीराम का दूत बताते हैं। हनुमान उन्हें श्रीराम की अंगूठी देते हैं। इसके बाद हनुमान अशोक वाटिका में उत्पात मचाते है। वहां मौजूद राक्षस हनुमान को पकड़ने का प्रयास करते हैं, तो वे उनकी जमकर धुनाई करते हैं। हनुमान रावण के पुत्र अक्षय कुमार का वध कर डालते हैं। मेघनाथ हनुमान को बंधक बनाकर रावण के दरबार में पेश करता है। तब हनुमान व रावण में संवाद होता है। इसके बाद रावण हनुमान की पूंछ में आग लगवा देता है। हनुमान इस आग से पूरी सोने की लंका को जला डालते हैं।

परशुराम व लक्ष्मण संवाद का मंचन

संसू, पुरखास : नगर पंचायत सरायअकिल की ऐतिहासिक रामलीला में शुक्रवार को धनुष यज्ञ परशुराम लक्ष्मण संवाद की लीला का मंचन किया गया। कलाकारों का अभिनय मंचन देख दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। यज्ञ में जब कोई योद्धा धनुष को नहीं उठा पाया तो राजा जनक बोले कि अब मुझे विश्वास हो गया कि पृथ्वी वीरों से खाली है। राजा जनक की बात सुनते ही लक्ष्मण क्रोधित हो जाते हैैं। वह गुरु विश्वामित्र से कहते हैं गुरुदेव आज्ञा दें तो धनुष क्या पूरे ब्रह्मभाण्ड को हिला दूं। भगवान राम लक्ष्मण को समझा कर शांत करते हैं। तब महर्षि विश्वामित्र राम को धनुष खंडन की आज्ञा देते है और राम के धनुष उठाते ही टूट जाता है। धनुष टूटते ही तपस्या में लीन भगवन परशुराम को पता चल जाता है और राजा जनक के दरबार में क्रोधित होकर आते हैं। चुनौती देते है कि धनुष तोड़ने वाला सभा से बाहर होकर खड़ा हो जाए नहीं तो यहां मौजूद सभी राजा मारे जाएंगे। भगवान परशुराम की बात सुनकर लक्ष्मण क्रोधित हो जाते हैं। परशुराम व लक्ष्मण में विवाद को बढ़ता देख मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने भगवान परशुराम से क्षमा याचना किया और उनके क्रोध को शांत किया। धनुष टूटते ही रामलीला प्रांगण जयश्रीराम के नारों से गूंजायमान हो उठा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.