शान से बोलिए हिदी और करिए इस भाषा पर गर्व
हिदी दिवस के अवसर पर जिले के विभिन्न स्थानों पर हिदी भाषा को लेकर विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कोरोना से बचाव के उपायों को अपनाने के साथ गोष्ठी व कविता पाठ भी हुआ।
हिदी दिवस के अवसर पर जिले के विभिन्न स्थानों पर हिदी भाषा को लेकर विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कोरोना से बचाव के उपायों को अपनाने के साथ गोष्ठी व कविता पाठ भी हुआ।
भरवारी प्रतिनिधि के अनुसार भवंस मेहता विद्याश्रम परिसर में हिदी दिवस पर प्रधानाचार्य संजय कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि हिदी केवल संवाद व कार्य का माध्यम ही नहीं है। यह हमारी आत्मा है। जिस प्रकार से हम अपने स्वाभिमान की रक्षा करते हैँ। उसी तरह से तन-मन और धन से राष्ट्रभाषा हिदी के गौरव की रक्षा करनी है। कार्यक्रम के दौरान ही छात्रों के बीच ऑनलाइन भाषण प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। 12वीं की छात्रा जान्हवी शुक्ला ने 68वें हिदी दिवस पर ऑन लाइन प्रस्तुति देते हुए कहा कि गांधी जी ने 1918 में भारत में हिदी को राष्ट्रभाषा बनाने का प्रस्ताव रखा था। 14 सितंबर 1949 में हिदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए संविधान से जोड़ा गया। जान्हवी ने कहा कि हिदी भाषा के गौरव के लिए एक दिन नहीं, प्रतिदिन हिदी दिवस के रूप में मनाना चाहिए। प्रतियोगिता का संचालन नागेंद्र द्विवेदी ने किया। इस मौके पर शिक्षक सुधाकर सिंह, अनिल मिश्र, अवधेश मिश्रा, रामसनेही श्रीवास्तव, मोहम्मद नसीम आदि मौजूद रहे।
महगांव प्रतिनिधि के अनुसार नेहरु युवा केंद्र के राष्ट्रीय युवा स्वयंसेवक संजय सिंह यादव ने सिकदरपुर बजहा में हिदी भाषा पर निबंध प्रतियोगिता का आयोजन कराया। नेहरू युवा मंडल के अध्यक्ष राहुल यादव समेत क्षेत्र के तमाम युवकों ने इस प्रतियोगिता में अपने स्थल से लोगों को शामिल कराया। प्रतियोगिता के दौरान क्षेत्र के कई स्कूलों के छात्रों ने हिदी पर विचार रखे। कार्यक्रम के दौरान जिला युवा समन्वयक शमीम बेगम, लेखाकार प्रकाश श्रीवास्तव व अन्य सदस्य मौजूद रहे।
हिदी है भावनाओं का उमड़ता सैलाब
संसू, टेढ़ीमोड़ : हिदी केवल एक भाषा ही नहीं बल्कि भावनाओं का उमड़ता सैलाब है, जो हर दिन सफलता के नए सोपान गढ़ रही है। देश में करीब 77 प्रतिशत लोग हिदी बोलते हैं। यही कारण है कि हिदी को राजभाषा का दर्जा प्राप्त है। 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने आजाद भारत की मुख्य भाषा के रूप में हिदी को पहचान प्रदान की गयी थी। तब से हिदी भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए प्रतिवर्ष 14 सितंबर को हिदी दिवस मनाने की शुरुआत हुई। सरकारी कार्यालयों और शिक्षण संस्थानों में 15 दिनों तक हिदी पखवाड़ा मनाया जाता है। इस दौरान सभी कार्य हिदी में किये जाते हैं, साथ ही कई साहित्यिक कार्यक्रम और प्रतियोगिताएं आयोजित होती हैं। कोरोना काल में हिदी दिवस के कार्यक्रम का ऑनलाइन आयोजन किया गया। शिक्षकों ने स्कूल में कवि राजेंद्र प्रसाद व भारतेंदु हरिश्चंद्र के चित्र पर माल्यार्पण कर हिदी दिवस कार्यक्रम की शुरुआत की।