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अवाना आलमपुर में सन्नाटा, दिखी दहशत भरी चुप्पी

संसू करारी करारी थाना क्षेत्र के अवाना आलमपुर गांव में चार लोगों की मौत के बाद चौथे दिन सोमवार को भी गलियों में सन्नाटा पसरा रहा। मौत की वजह पूछने पर ग्रामीण कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं। वहीं डीएम व एसपी समेत शुभचिंतकों ने पीड़ित परिवार वालों से उनका हाल जाना। लोगों ने शासन से परिजनों को मुआवजा दिलाए जाने की भी मांग उठाई है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Mar 2019 10:55 PM (IST)Updated: Thu, 28 Mar 2019 06:29 AM (IST)
अवाना आलमपुर में सन्नाटा, दिखी दहशत भरी चुप्पी
अवाना आलमपुर में सन्नाटा, दिखी दहशत भरी चुप्पी

संसू, करारी : करारी थाना क्षेत्र के अवाना आलमपुर गांव में चार लोगों की मौत के बाद चौथे दिन सोमवार को भी गलियों में सन्नाटा पसरा रहा। मौत की वजह पूछने पर ग्रामीण कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं। वहीं डीएम व एसपी समेत शुभचिंतकों ने पीड़ित परिवार वालों से उनका हाल जाना। लोगों ने शासन से परिजनों को मुआवजा दिलाए जाने की भी मांग उठाई है।

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कहा जा रहा है कि अवाना आलमपुर गांव में होली के दूसरे दिन शुक्रवार को कोटेदार के घर पहुंचकर दर्जनभर से अधिक लोगों ने रंग खेलने के साथ-साथ शराब का भी सेवन किया। देर शाम के बाद गांव के ही चार लोगों की हालत बिगड़ने लगी। त्रिभुवन, धीरज, दिलीप व अनिरुद्ध सरोज की मौत हो गई। जबकि सुखलाल को प्रयागराज के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। धीरज व दिलीप का परिजनों ने आनन-फानन में अंतिम संस्कार कर दिया। पहले तो ग्रामीणों ने जहरीली शराब से मौत की आशंका जाहिर की लेकिन प्रशासनिक गलियारे में हड़कंप मचा और दबाव बढ़ा तो इसे बीमारी का रूप देने का प्रयास किया जाने लगा। हालांकि आला अधिकारियों ने भी धीरज व दिलीप व अनिरुद्ध की मौत को बीमारी ही बताया। शासन को भेजी गई रिपोर्ट भी यही कह रही है। यहां तक की चुनाव आयोग को भी भेजी गई रिपोर्ट में मौतों की वजह स्वाभाविक व बीमारी बताई गई है। जहरीली शराब का कोई जिक्र नहीं किया गया है। त्रिभुवन के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया तो रिपोर्ट में मौत का कारण साफ नहीं हो पाया। इस पर उसका बिसरा संरक्षित कर जांच के लिए प्रयोगशाला भेज दिया गया। उधर ,अस्पताल में भर्ती सुखलाल व उसकी पत्नी यही कहती रहीं कि मृतकों ने भी शराब पी रखी थी। बहरहाल मामला चाहे जो भी रहा हो लेकिन चार मौतों के बाद गांव में सोमवार को सन्नाटा पसरा हुआ रहा। चौथे दिन शुक्रवार को भी यही स्थिति देखने को मिली। अब तक ग्रामीण चार लोगों की मौत को लेकर खुलकर कुछ बोलना ही नहीं चाह रहे हैं। इतना ही नहीं, डीएम व एसपी ने दोपहर के समय गांव पहुंचकर मृतकों के परिजनों से मिले। जनप्रतिनिधियों ने भी पीड़ित परिवार से मिलकर शासन से आर्थिक मदद दिलाए जाने का आश्वासन दिया। जिदगी व मौत के बीच जूझ रहा सुखलाल

अवाना आलमपुर गांव में चार लोगों की मौत के बाद गंभीर रूप से बीमार हुए सुखलाल को शुक्रवार की रात करीब एक बजे उसकी पत्नी ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया। शनिवार की शाम तक उसका इलाज चला लेकिन हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। अचानक उसकी हालत बिगड़ी तो चिकित्सकों ने उसे प्रयागराज के एसआरएन अस्पताल रेफर कर दिया लेकिन परिजन उसे प्रयागराज के निजी अस्पताल ले गए और भर्ती कराया। वहां भी उसकी हालत में अब तक सुधार नहीं हुआ है। इसे लेकर परिवार के लोग परेशान हैं। उसकी सुधि लेने के लिए कोई भी नुमाइंदा अब तक अस्पताल नहीं पहुंचा। कैंप लगाकर ग्रामीणों का हुआ स्वास्थ्य परीक्षण

अवाना आलमपुर में शुक्रवार को स्वास्थ्य कैंप लगाया गया। तीन जगह शिविर लगाकर सौ से अधिक लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। सबसे ज्यादा सर्दी, जुकाम व दर्द के ज्यादातर मरीज मिले। इतना ही नहीं, इनमें सात मरीज ऐसे रहे जिनका ब्लड सेंपल लेते हुए जांच के लिए भेजा गया। चिकित्सकों ने बताया कि इनका इलाज जांच रिपोर्ट आने के बाद ही शुरू किया जाएगा। डीएम व एसपी के अलावा सीएमओ व डीपीआरओ ने भी कैंप में पहुंचकर स्वास्थ्य परीक्षण का जायजा लिया। चिकित्सकों में डॉ. अरविद कनौजिया, नागेंद्र सिंह, जय सिंह, अजय त्रिपाठी, अभिषेक श्रीवास्तव समेत एएनएम भी मौजूद रहीं।


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