मातम के बीच सन्नाटा, दूसरे दिन भी बंद रहीं दुकानें, मृतकों के घर नहीं जले चूल्हे, पिकअप चालक को भेजा जेल
पूरामुफ्ती बाजार में शुक्रवार की सुबह हुए हादसे में जान गंवाने वाले मृतकों के स्वजनों समेत मोहल्ले के लोग गमजदा हैं। स्थिति यह है कि घटना के बाद लोग हादसे को भूल नहीं पा रहे हैं। दूसरे दिन मृतकों के घर में चूल्हे नहीं जले। सांत्वना देने के लिए दिन भर उनके घरों में रिश्तेदारों और सगे-संबंधियों और स्थानीय लोगों का आना जाना लगा रहा।
कौशांबी। पूरामुफ्ती बाजार में शुक्रवार की सुबह हुए हादसे में जान गंवाने वाले मृतकों के स्वजनों समेत मोहल्ले के लोग गमजदा हैं। स्थिति यह है कि घटना के बाद लोग हादसे को भूल नहीं पा रहे हैं। दूसरे दिन मृतकों के घर में चूल्हे नहीं जले। सांत्वना देने के लिए दिन भर उनके घरों में रिश्तेदारों और सगे-संबंधियों और स्थानीय लोगों का आना जाना लगा रहा।
पूरामुफ्ती बाजार निवासी डा. सोहन लाल पाल की शुक्रवार को हार्ट अटैक से मौत हो गई। मौत की खबर सुनकर मोहल्ले के लोग उनके घर सांत्वना देने के लिए पहुंचे थे। सुबह करीब सात बजे कुछ लोग जीटी रोड पर खड़े होकर बात कर रहे थे। इसी दौरान कौशांबी की तरफ से आई एक बेकाबू पिकअप ने वहां पर खड़े लोगों को रौंद दिया। जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई। जबकि चार अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना को लेकर मौके पर चीख पुकार मच गई। हादसे में जान गंवाने वाले प्रदीप उर्फ बाबा, भगवान दीन कुशवाहा व नंद किशोर पटेल के घर में रोना बिलखना शुरू हो गया। स्थिति यह रही कि घटना के दूसरे दिन भी स्वजन हादसे को भूल नहीं पा रहे हैं। हादसे के बाद से घरवाले सदमें में हैं। मृतकों के घरों में चूल्हे नहीं जले। दूसरी तरफ हादसे में काल बनी पिकअप के चालक वीर सिंह के खिलाफ पूरामुफ्ती पुलिस ने कार्रवाई करते हुए जेल भेजा है। जबकि उसके साथ रहे अन्य तीन युवकों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया। वहीं घटना के बाद से पूरे बाजार में गम का माहौल रहा। ऐसे में तमाम लोगों ने अपनी दुकानें शनिवार को नहीं खोलीं। दुकानदारों समेत लोगों में चलती रही चर्चा
पूरामुफ्ती में शुक्रवार को हुई तीन मौतों के बाद से बाजार में सन्नाटा पसरा रहा। लोगों में बेकाबू वाहनों का भय भी लगने लगा है और चीत्कार की आवाज कानों में लोगों के गूंज रही है। पूरा घटनाक्रम दिन भर चर्चा का विषय बना रहा और कुछ ही दुकानें खुली रहीं। शुक्रवार की सुबह हादसे समेत इलाके में बीमारों का इलाज कर अपनी छवि छोड़ने वाले डा. सोहनलाल पाल समेत चार लोगों के चले जाने से मोहल्ला ही सूना पड़ गया है। पिटू, हरिप्रकाश ने बताया कि की घटना के दूसरे दिन भी लोगों में मायूसी छायी रही। लोगों ने अपनी दुकानें बंद कर मृतकों के घरवालों को सांत्वना देने पहुंचे थे। कुछ ही दुकानें खुली रहीं। स्थानीय लोगों के मुताबिक इस घटना ने सबको झकझोर कर रख दिया है। लोग अब सड़क किनारे खड़े होने से कतरा रहे हैं।