बकरीद पर ड्रोन से होगी संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी
बकरीद पर जिला व पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए हैं। संवेदनशील क्षेत्रों की निगरानी ड्रोन कैमरे से की जाएगी। खुफिया तंत्र को अलर्ट किया गया है। चेकिंग के लिए हर थाने पर टीम का गठन का किया गया है।
कौशांबी : बकरीद पर जिला व पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए हैं। संवेदनशील क्षेत्रों की निगरानी ड्रोन कैमरे से की जाएगी। खुफिया तंत्र को अलर्ट किया गया है। चेकिंग के लिए हर थाने पर टीम का गठन का किया गया है। डीएम ने जोन व सेक्टर मजिस्ट्रेट की तैनाती की है। शुक्रवार को सुरक्षा बलों ने शहर और ग्रामीण इलाके में रूट मार्च किया।
बकरीद पर्व पर मुस्लिम समाज के लोग ईदगाह व मस्जिदों में प्रात: आठ से 11 बजे तक नमाज अदा करते थे। इसके बाद तीन दिनों तक कुर्बानी की जाती है। मगर अबकी महामारी की वजह से प्रशासनिक अधिकारियों ने बकरीद पर्व घर में नमाज अदा करने का निर्देश दिया है। खुफिया तंत्र को सक्रिय कर दिया गया है। कानून- व्यवस्था को प्रभावित करने वाली सूचनाओं को संकलित कर ऐसे मामलों का तत्काल निस्तारण करने की हिदायत दी गई है। इसके अलावा वाट्सएप और फेसबुक समेत सोशल मीडिया पर नजर रखी जा रही है। अग्रिम पंक्ति में कार्यरत पुलिस कर्मियों को कोरोना के संक्रमण से बचाने के लिए ग्लब्स, मास्क एवं शील्ड मुहैया कराने का निर्देश दिया गया है। त्योहार रजिस्टर से संवेदनशील स्थानों को चिह्नित कर मजिस्ट्रेटों व पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है। छोटी से छोटी घटनाओं को गंभीरता से लेने की हिदायत दी गई है। पुलिस अधीक्षक अभिनंदन ने बताया कि जिले के संवेदनशील स्थलों, चौराहों व तिराहों पर ड्रोन कैमरे से मानीटरिग की जाएगी। खुले स्थानों में कुर्बानी व गैर मुस्लिम क्षेत्रों में खुले रूप से मांस ले जाने पर प्रतिबंध रहेगा। करारी के थानाध्यक्ष अशोक कुमार ने ईदगाह व मस्जिद आदि स्थानों का निरीक्षण कर लोगों को हिदायत दी कि पर्व को शांति पूर्ण ढंग मनाएं।
बकरीद में अल्लाह के नजदीक आने के लिए लोग कुर्बानी देते हैं। कोरोना महामारी के चलते पूर्व में लागू किए गए लॉकडाउन होने कारण काम धंधा बंद होने से हजारों लोग बेरोजगार हो गए हैं। उनके सामने आर्थिक संकट है। ऐसे में उनके लिए त्योहार अबकी फीका ही है। मौलाना और हाफिजों ने लोगों से अपील की है कि घर में ही नमाज अदा करने के साथ ही गरीबों की मदद करें।
ग्राम पंचायत नारा के मौलाना अब्दुल गनी का कहना है कि ईद उल अजहा का त्यौहार कुर्बानी के नाम से जाना जाता है। दौलतमंद लोग हजारों रुपये का बकरा अल्लाह की इबादत में कुर्बानी कर देते हैं। इस बार दौलतमंद गरीबों के लिए अपनी दौलत की कुर्बानी दे जिसकी वजह से गरीब वर्ग के मुस्लिम भी त्यौहार खुशी के साथ मना सके। कहा कि बकरीद पर्व पर कुछ भी ऐसा कार्य न करें, जिससे कोरोना वायरस बढ़े। शासन व प्रशासन स्तर से बताई गई गाइड पालन का पालन करते हुए। अल्लाह की इबादत कर देश व समाज की सलामती की दुआ करें। गरीबों की मदद करना ही असली कुर्बानी होगी।