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बीज के दाम दोगुने और आलू का उपज क्षेत्र हुआ कम

संसू, सिराथू : आलू के बीज के दाम में इस बार काफी महंगा हो गया है। जिन किसानों से अधिक आलू की खेती कर

By JagranEdited By: Published: Mon, 29 Oct 2018 12:57 AM (IST)Updated: Mon, 29 Oct 2018 12:57 AM (IST)
बीज के दाम दोगुने और आलू का उपज क्षेत्र हुआ कम
बीज के दाम दोगुने और आलू का उपज क्षेत्र हुआ कम

संसू, सिराथू : आलू के बीज के दाम में इस बार काफी महंगा हो गया है। जिन किसानों से अधिक आलू की खेती करने का मन बनाया था। बजट के अभाव में किसानों ने आलू की बोआई का दायरा कम कर दिया है। बीज की बिक्री कम होने की वजह व्यापारी भी परेशान हैं। विभागीय अधिकारियों की मानें तो पिछले वर्ष से इस बार आलू की खेती का क्षेत्रफल कम हुआ है और उत्पादन भी कम होने की संभावना है।

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वर्ष 2017 में आलू के बीज 400-500 रुपये बोरी था। दाम कम होने की वजह किसानों ने अधिक आलू की बोआई की थी। इस बार आलू का दाम 900-1000 रुपये प्रति बोरी हो गया है। बीज के दाम दोगुने होने से किसान काफी परेशान हैं। कुछ किसानों ने आलू के बीज को कोल्ड स्टोर में रख दिए थे। वह तो सफल लगा रहे हैं। जिन किसानों को बाजार से आलू का बीच खरीदना पड़ रहा है। वह आलू की खेती का क्षेत्रफल कम कर दिया है। दुकानदारों ने बताया कि इस बार नए बीज की बिक्री कम हुई है इसका पैदावार पर काफी प्रभाव पड़ेगा। सिराथू के व्यापारी संतोष कुमार केसरवानी की मानें तो पिछले वर्ष उन्होंने तीन हजार बोरी आलू की बिक्री की थी। इस बार रेट ज्यादा होने से अब तब एक हजार बोरी आलू की बिक्री कर सके हैं। नथन लाल, छेदीलाल व दीपक आदि व्यापारियों की मानें तो इस बार आलू के बीच की बिक्री कम हो रही है। इससे व्यापार में इजाफा भी कम होगा। किसान बोले

पिछली बार आलू के बीज के दाम कम थे। इसकी वजह से नए बीज खरीद कर बोआई की थी। इस बार रेट अधिक होने से पुराने बीज की बोआई करनी पड़ रही है।

-बीरे नए बीज के दाम दोगुने होने की वजह से इस बार आलू की बोआई का क्षेत्रफल कम कर दिया है। चार बीघे में आलू की फसल लगानी थी। दो बीघे में ही बोआई की है।

- राजेंद्र नारायण मिश्र बीज को तैयार किए गए आलू की खरीदारी करने के लिए सरकार की ओर से क्रय केंद्र नहीं खोला जाता जिससे किसानों को फसल उत्पादन का सही दाम नहीं मिलता है।

- रामअभिलाष पांडेय


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