कृत्रिम गर्भाधान से मिलेगी साहिवाल नस्ल की बछिया
पशु चिकित्सालयों में हाल ही में देशी गायों के कृत्रिम गर्भाधान के लिए विशेष सीमेन का इस्तेमा
पशु चिकित्सालयों में हाल ही में देशी गायों के कृत्रिम गर्भाधान के लिए विशेष सीमेन का इस्तेमाल शुरू किया है। इसे कृत्रिम गर्भाधान (सेक्सड सीमेन) भी कहते हैं। पशुपालन विभाग का दावा है कि इस सीमेन से गर्भित गायों में 90 फीसदी बछिया पैदा होंगी, वह भी साहिवाल नस्ल की। इसके एवज में पशुपालकों को महज 300 रुपये शुल्क अदा करना होगा। साहिवाल नस्ल की गाय दूध अधिक देती है। पशुपालन विभाग का यह प्रयास है कि इस सीमेन के इस्तेमाल से सड़क पर बढ़ते निराश्रित बेसहारा पशुओं की संख्या में कमी आएगी।
जनपद में कुल 52 गोआश्रय स्थलों में 5512 बेसहारा गोवंश हैं। इसके बावजूद सड़क व खेतों में बेसहारा गोवंश की संख्या कम नहीं हो रही है। यह संख्या अब और न बढ़े, इसके लिए पशुपालन विभाग पशु चिकित्सालयों में विशेष सीमेन (सेक्स्ड सार्टेड सीमेन) से गायों का गर्भाधान करा रहा है। इसके लिए पशुपालकों को 300 रुपये अदा करना पड़ता है। जिले के 15 पशु चिकित्सालयों और 24 पशु सेवा केंद्रों व पैरावेटों के माध्यम से दो माह में अब तक 60 गायों में इस सीमेन का प्रयोग किया जा चुका है।
उपमुख्य पशुचिकित्साधिकारी डॉ. यशपाल सिंह का कहना है कि इस सीमेन से किए गए कृत्रिम गर्भाधान से 90 फीसद साहिवाल नस्ल की बछिया पैदा होंगी। इससे बेसहारा मवेशियों की संख्या भी घटेगी। साहिवाल नस्ल की गायों की बेहतर ढंग से देखभाल की जाए तो वह 20 लीटर तक दूध देंगी। यह आर्थिक दृष्टिकोण से किसानों के लिए बेहतर साबित होंगी।