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शासन ने मांगा गंगा के किनारे बसे गांव की सफाई का ब्यौरा

जासं, कौशांबी : गंगा के किनारे बस गांव की सफाई को लेकर शासन सतर्क है। इन गांव की गंदगी सीधे गंगा में

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Sep 2018 07:42 PM (IST)Updated: Mon, 10 Sep 2018 07:42 PM (IST)
शासन ने मांगा गंगा के किनारे बसे गांव की सफाई का ब्यौरा
शासन ने मांगा गंगा के किनारे बसे गांव की सफाई का ब्यौरा

जासं, कौशांबी : गंगा के किनारे बस गांव की सफाई को लेकर शासन सतर्क है। इन गांव की गंदगी सीधे गंगा में न जाए। इसके लिए गांव में सफाई को लेकर व्यवस्था किए जाने का निर्देश दिया गया था। अब शासन ने गांव में ठोस व तरल अपशिष्ट पदार्थ के निस्तारण को लेकर क्या व्यवस्था की गई है। इससे जुड़ी जानकारी मांगी है।

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नमामि गंगे योजना के तहत गंगा नदी के किनारे बसे गांव को स्वच्छ बनाया जाना था। इसके लिए गांव के शौचालय निर्माण के साथ ही वहां के गंदे पानी, ठोस व तरल कचेरे के निस्तारण आदि को लेकर काम किया जाना था। जिले करीब 39 ग्राम पंचायतें गंगा नदी के किनारे बसी है। इन गांव में प्रशासनिक सख्ती के चलते शौचालय निर्माण तो लगभाग 80 फीसद तक पूरा हो गया है, लेकिन गांव का गंदा पानी आज भी सीधे नदी में जा रहा है। तीर्थ क्षेत्र कड़ा में शौचालय की व्यवस्था न होने के कारण लोगों को खुले में शौच करना पड़ रहा है। तीर्थ क्षेत्र के नाले सीधे नदी में गिर रहे है। इसको लेकर अब शासन ने जिला पंचायत राज अधिकारी से जानकारी मांगी है। मिशन निदेशक स्वच्छ भारत मिशन ने चार सितंबर को डीपीआरओ को पत्र भेजकर गंगा के किनारे बसे गांव में ठोस व तरल अपशिष्ठ पदार्थो के निस्तारण के संबंध में जानकारी मांगी है।


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