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रत्नावली नगरी में आज से बहेगी रामकथा की रसधार

जासं कौशांबी यमुना तीरे महेवाघाट स्थित रत्नावली नगर में शनिवार छह से 14 अप्रैल तक मोरारी बापू की रामकथा का आयोजन होगा। शनिवार को नवरात्रि के प्रथम दिन से कथा का शुभारंभ सायं चार बजे से होगा। इसके बाद रविवार से सुबह साढ़े नौ बजे से रामकथा होगी। इसके लिए वातानुकूलित भव्य पंडाल तैयार किए गए हैं। बापू ने यह रामकथा गोस्वामी तुलसीदास की पत्नी रत्नावली के नाम समर्पित की है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 05 Apr 2019 11:12 PM (IST)Updated: Sat, 06 Apr 2019 06:28 AM (IST)
रत्नावली नगरी में आज से बहेगी रामकथा की रसधार
रत्नावली नगरी में आज से बहेगी रामकथा की रसधार

जासं, कौशांबी : यमुना तीरे महेवाघाट स्थित रत्नावली नगर में शनिवार छह से 14 अप्रैल तक मोरारी बापू की रामकथा का आयोजन होगा। शनिवार को नवरात्रि के प्रथम दिन से कथा का शुभारंभ सायं चार बजे से होगा। इसके बाद रविवार से सुबह साढ़े नौ बजे से रामकथा होगी। इसके लिए वातानुकूलित भव्य पंडाल तैयार किए गए हैं। बापू ने यह रामकथा गोस्वामी तुलसीदास की पत्नी रत्नावली के नाम समर्पित की है।

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रामकथा के लिए मोरारी बापू शुक्रवार को अपराह्न प्रयागराज से सड़क मार्ग से महेवाघाट पहुंचे वहां पहुंचकर उन्होंने सबसे पहले राजापुर स्थित तुलसी आश्रम पहुंचकर हस्त लिखित रामायण के दर्शन किए। इसके बाद महेवाघाट स्थित कथा स्थल के लिए रवाना हो गए। देर शाम डीएम मनीष कुमार वर्मा व पुलिस अधीक्षक प्रदीप गुप्ता ने कथा स्थल का दौरा कर मोरारी बापू से मुलाकात की। एयरपोर्ट पर कथा के मुख्य यजमान मदन पालीवाल, मंत्रराज पालीवाल, रविन्द्र जोषी, रूपेष व्यास, विकास पुरोहित, प्रकाश पुरोहित ने बापू का अभिनंद किया। वहीं रत्नावली में कथास्थल पर ही प्रतिदिन सांस्कृतिक संध्या का आयोजन भी किया जाएगा। कथा को लेकर भक्तों में खासा उत्साह है। नौ दिवसीय इस आयोजन के हजारों श्रोता साक्षी बनेंगे। घाटों के नाम से लगाए गए कई पंडाल

रामकथा में हजारों भक्त शामिल होंगे। देश- विदेश से आने वाले भक्तों को कोई परेशानी न हो इसके मद्देनजर घाटों के नाम से अलग-अलग कई पंडाल लगाए हैं। बैठने के लिए यमुना घाट, महेवा घाट, रत्नावली घाट, तुलसी घाट, परिवार घाट तथा मीडिया घाट के नाम से व्यवस्था की गई है। साधु संतों के बैठने के लिए अलग व्यवस्था की गई है। श्रद्धालुओं का पहुंचना प्रारंभ

आयोजन समिति की ओर से विशाल पंडाल लगाए गए हैं। गर्मी व धूप से बचाने के लिए पंडाल में जर्मन तकनीक के स्प्रिंकलर्स लगाए हैं। कथा स्थल पर पहुंचने वाले सभी सड़कों एवं चौराहों पर रोशनी का प्रबंध किया गया है। रामकथा सुनने के लिए राजस्थान, गुजरात, बनारस सहित अन्य क्षेत्रों से श्रद्धालुओं के पहुंचने का क्रम प्रारंभ हो चुका है। आयोजन समिति की ओर से कथा स्थल के निकट ही प्रतिदिन हजारों भक्तों के लिए सुबह नाश्ता, दोपहर व शाम को भोजन के रूप में निश्शुल्क प्रभु प्रसाद की व्यवस्था की गई है। 220 देशों में कथा का होगा सीधा प्रसारण

रामकथा के इस विशेष आयोजन का चैनल के माध्यम से 220 देशों में टीवी पर सीधा प्रसारण किया जाएगा। आयोजन को लेकर स्थानीय लोगों के साथ ही आसपास के क्षेत्रवासी भी बेहद उत्साहित है। रामकथा में भगवान मर्यादा पुरुषोत्तम राम के जीवन चरित्र को रेखांकित किया जाएगा। कल से चलेंगी निश्शुल्क बसें

संत मुरारी बापू की रामकथा सुनने के लिए भक्त कथा स्थल तक आसानी से पहुंचे इसके लिए सात अप्रैल की सुबह सात बजे से संस्था की ओर से निश्शुल्क बसों की व्यवस्था की गई है। यातायात प्रभारी हरिओम सिंह ने बताया कि रामकथा के लिए बक्सी पार, सरायअकिल, अड़हौली, रक्सौली, बरमपुर, भगवतपुर, रानीपुर, हटवा, धाता, टेंवा, कोरीपुरा, डकशरीरा, अलवारा, निखोदा, सरपतहि, उनो, अजरौली, संजय कुमार त्रिपाठी, लौगावा, पूरबशरीरा, चित्रकूट आदि स्थानों सें श्रद्धालुओं को कथा स्थल पर लाने के लिए प्रतिदिन सुबह सात बजे बस पहुंचेगी। इसके बाद तीन बजे दोपहर उन्हें छोड़ने के लिए जाएंगी।


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