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सूदखोरों के डर से गंगा में कूद कर दे रहा हूं जान

जासं, कौशांबी/प्रयागराज : कौशांबी जिले में कोखराज थाना क्षेत्र के सिहोरी गांव स्थित हाईवे पुल के किनारे पड़ा पैंट-शर्ट व जूता, जेब में मिले सुसाइड नोट से खलबली मच गई। यह सुसाइड नोट रामपूजन पटेल (35) पुत्र स्व. हीरालाल निवासी मलाका हरिहर तालाराजी सोरांव प्रयागराज के नाम से लिखा है। उसमें लिखा है कि कर्ज में डूबने व सूदखोरों की धमकियों से परेशान होकर वह खुदकशी कर रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 03 Feb 2019 11:13 PM (IST)Updated: Sun, 03 Feb 2019 11:13 PM (IST)
सूदखोरों के डर से गंगा में कूद कर दे रहा हूं जान
सूदखोरों के डर से गंगा में कूद कर दे रहा हूं जान

जासं, कौशांबी/प्रयागराज : कौशांबी जिले में कोखराज थाना क्षेत्र के सिहोरी गांव स्थित हाईवे पुल के किनारे पड़ा पैंट-शर्ट व जूता, जेब में मिले सुसाइड नोट से खलबली मच गई। यह सुसाइड नोट रामपूजन पटेल (35) पुत्र स्व. हीरालाल निवासी मलाका हरिहर तालाराजी सोरांव प्रयागराज के नाम से लिखा है। उसमें लिखा है कि कर्ज में डूबने व सूदखोरों की धमकियों से परेशान होकर वह खुदकशी कर रहा है।

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पुलिस ने यह सुसाइड नोट पढ़ने के बाद उसमें लिखे नंबर पर घरवालों को सूचना दी। इसी के साथ सिहोरी, पल्हाना व बदनपुर घाट पर जाल डलवाकर गोताखोरों की मदद से रामपूजन की तलाश शुरू कराई। उसका कुछ पता नहीं चला। इस बीच मौके पर पहुंचे भाई चंद्रशेखर व पत्नी पूजा पटेल समेत परिवार के लोगों ने बताया कि साल भर पहले रामपूजन ने चार लोगों से चाऊमीन का कारखाना खोलने के लिए तीन लाख रुपये ब्याज पर कर्ज लिए थे। पांच माह धंधा चला, उसके बाद आग लग जाने से धंधा चौपट हो गया। इस कारण कर्ज वापस नहीं कर पा रहे थे। परिवार के सदस्यों की मानें तो कर्ज व ब्याज मिलाकर करीब 10 लाख रुपये बकाया हो गया। कर्ज देने वाले रोज प्रताड़ित करते थे। करीब एक सप्ताह से वह घर नहीं आया। इस बीच उसकी पत्‍‌नी ने तीन बार थाने में तहरीर देकर अपहरण और अनहोनी की आशंका भी जताई।

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सुसाइड नोट के आधार पर यही आशंका है कि कर्ज से परेशान होकर युवक ने गंगा में कूदने का कदम उठाया है। तीन घाटों पर जाल डलवाने के अलावा गोताखोरों की मदद ली जा रही है।

- राकेश सरोज, प्रभारी निरीक्षक कोखराज। एक साल में तीन लाख का पांच लाख रुपये ब्याज

संसू, मूरतगंज/सोरांव : सूदखोरों के खौफ से कई दिनों से घर से लापता रामपूजन को गंगा नदी में किसी ने छलांग लगाते नहीं देखा। पुलिस नदी में उसकी तलाश में भी सफल नहीं हुई। ऐसे में रामपूजन किस हालात में है यह तो स्पष्ट नहीं है, लेकिन इस घटना ने गांवों में फैले सूदखोरों के जाल से पर्दा जरूर उठाया है। जिसकी तस्दीक रामपूजन के परिजन ही नहीं पड़ोसी भी करते हैं।

सोरांव थाने के मलाक हरहर गांव निवासी रामपूजन पटेल पुत्र हीरालाल तीन भाई हैं। रामपूजन ने कुछ साल पहले गांव मे ही चाऊमिन बनाने की फैक्ट्री डाली। फैक्ट्री से अच्छी आमदनी हो रही थी। लेकिन दो साल पहले फैक्ट्री मे अचानक आग लग गई तो स्थिति डांवाडोल हो गई तो उसने कुछ कर्ज लेकर फैक्ट्री दोबारा खड़ी की। करीब डेढ वर्ष पूर्व उसकी फैक्ट्री मे दोबारा आग लग गई तो वह आíथक रूप से कमजोर हो गया। इलाके के ही कुछ सूदखोरों से उसने 10 से 20 प्रतिशत प्रतिमाह की दर से ब्याज पर करीब तीन लाख रुपये की रकम ले ली। जिसका ब्याज इतना भारी पड़ा कि वह उसे चुका नहीं पा रहा था।

इस घटना के बाद रविवार को रामपूजन का घर बंद था और आसपास की महिलाएं वहां खड़ी थीं। वे बता रही थीं कि किस तरह से रुपया उधार देने वाले उसे प्रताड़ित कर रहे थे। वे उसे मारने से लेकर परिजनों तक को उठा लेने की धमकी दे रहे थे। कई दिन से घर से लापता रामपूजन की पत्‍‌नी इसी डर से पिछले तीन दिन से थाने और चौकी में तहरीर दे रही थी, जिसमें उसने पड़ोसी गांव सुमेरी का पूरा निवासी कई लोगों पर उसके पति का अपहरण करने और अनहोनी की आशंका जताई है। फिर भी पुलिस उसकी कोई मदद नहीं कर पाई। परिवार पर टूटा गम का पहाड़

संसू, मूरतगंज : रहस्यमय स्थिति में गायब रामपूजन के कपड़े और सुसाइड नोट मिलने से उसके परिवार पर गम का पहाड़ टूट पड़ा है। रामपूजन के दो भाई चंद्रशेखर व शिवपूजन अलग-अलग व्यापार करते हैं। पत्नी पूजा पटेल के सहारे ही दो बच्चे प्रियांशू और ¨प्रस हैं। पूजा बताती हैं कि सूदखोरों के डर से रामपूजन बहुत परेशान था, घर छोड़ने से पहले वह उससे और बच्चों से भी ढंग से बात नहीं करता था और अक्सर आत्महत्या की बातें करता था। प्ला¨टग का धंधा भी नहीं चल सका

आगजनी में कारखाना राख होने के बाद रामपूजन ने प्ला¨टग कर कर्ज चुकाने का भी प्रयास किया, लेकिन इसमें वह सफल नहीं हो पाया। उसे लगा कि अब सूदखोर उसकी हत्या कर देंगे। परिवार को किसी तरह की कोई परेशानी न हो, इसके लिए वह घर छोड़कर फरार हो गया।


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