जिम्मेदारों की उदासीनता से राजीव गांधी सेवा केंद्र बदहाल
शासन स्तर से संचालित की गई जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लाभार्थियों को मिले। इसके मद्देनजर सरकार ने जिले की सभी न्याय पंचायतों में राजीव गांधी सेवा केंद्रों का निर्माण कराया गया। लाखों रुपये खर्च किए जा चुके लेकिन जिम्मेदारों की उदासीनता से जनपद के अधिकतर केंद्र बदहाल हो गए हैं। इससे ग्रामीणों को परेशानी के साथ ही शासन की मंशा पर पानी फिर रहा है।
जासं, कौशांबी : शासन स्तर से संचालित की गई जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लाभार्थियों को मिले। इसके मद्देनजर सरकार ने जिले की सभी न्याय पंचायतों में राजीव गांधी सेवा केंद्रों का निर्माण कराया गया। लाखों रुपये खर्च किए जा चुके लेकिन जिम्मेदारों की उदासीनता से जनपद के अधिकतर केंद्र बदहाल हो गए हैं। इससे ग्रामीणों को परेशानी के साथ ही शासन की मंशा पर पानी फिर रहा है।
ग्रामीण क्षेत्र में संचालित मनरेगा, राज्यवित्त व 14 वें वित्त के क्रियान्वयन के लिए केंद्रों में पंचायत तकनीकी सहायक, डाटा ऑपरेटर की तैनाती की गई है। जिन कर्मचारियों को केंद्रों के देखरेख की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वह अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह सही तरीके से नहीं कर रहे हैं। इससे जनपद में बनाए गए अधिकतर भवन बदहाल हो गए हैं। इसमें विकास खंड चायल क्षेत्र के चरवा, कठारा, विकास खंड नेवादा क्षेत्र का रसूलपुर ब्यूर, बैर बरामद करारी, औधन, विकास खंड मूरतगंज क्षेत्र का पनसौर, कसिया, मखदूमपुर काजी, विकास खंड कौशांबी छेकवा, बिदांव, म्योहर, बैसकांटी, अमीनपुर सवरो, पिपर कुंडी, टिकरीनागी, सौरई बुजुर्ग आदि गांवों के केंद्र शामिल हैं। नहीं खुलता पंचायत मनरेगा भवन
मनरेगा के सभी तरह के कामकाज के संचालन के लिए राजीव गांधी सेवा केंद्र बनाए गए हैं। जिन पंचायतों में केंद्र बन चुका है, वह सफेद हाथी बन कर रह गए हैं। पंचायत स्तर के अधिकांश केंद्र पर ताला लटका रहता है। पीआरएस व मुखिया के कर्मी मनरेगा भवन में नहीं बैठते हैं। इससे ग्रामीणों को परेशानी हो रही है। जिम्मेदारियों का निर्वाह नहीं करने वालों पर होगी कार्रवाई
मुख्य विकास अधिकारी इंद्रसेन सिंह ने बताया कि शासन स्तर से संचालित की गई जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लाभार्थियों को मिले। इसके मद्देनजर सरकार ने जिले के सभी न्याय पंचायतों में राजीव गांधी सेवा केंद्रों का निर्माण कराया गया है। इसमें तकनीकी सहायक, डाटा ऑपरेटर की तैनाती की गई है। देखरेख की जिम्मेदारी संबंधित सचिव व तैनात कर्मियों को सौंपी गई है। यदि तैनात कर्मी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह नहीं कर रहे हैं तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।