Move to Jagran APP

फेसबुक के जरिए सर्व शिक्षा अभियान का प्रचार

जासं कौशांबी हाईटेक युग में जहां एक तरफ प्राइवेट कालेज व स्कूल अपने प्रचार-प्रसार के लिए विज्ञापन प्रकाशित कराने और दीवारों पर पोस्टर लगवा रहे हैं। वहीं जिले के एक शिक्षक ने परिषदीय विद्यालयों की पढ़ाई का सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार शुरू कर दिया है। इतना ही नहीं सरकारी स्कूलों में क्या-क्या सुविधाएं हैं इसका भी जिक्र भी पोस्ट किया गया है। शिक्षक की इस पहल पर सैकड़ों लोगों ने अपने शेयर कमेंट व लाइक किए हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Mar 2019 11:26 PM (IST)Updated: Fri, 22 Mar 2019 11:26 PM (IST)
फेसबुक के जरिए सर्व शिक्षा अभियान का प्रचार
फेसबुक के जरिए सर्व शिक्षा अभियान का प्रचार

जासं, कौशांबी : हाईटेक युग में जहां एक तरफ प्राइवेट कालेज व स्कूल अपने प्रचार-प्रसार के लिए विज्ञापन प्रकाशित कराने और दीवारों पर पोस्टर लगवा रहे हैं। वहीं जिले के एक शिक्षक ने परिषदीय विद्यालयों की पढ़ाई का सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार शुरू कर दिया है। इतना ही नहीं, सरकारी स्कूलों में क्या-क्या सुविधाएं हैं, इसका भी जिक्र भी पोस्ट किया गया है। शिक्षक की इस पहल पर सैकड़ों लोगों ने अपने शेयर, कमेंट व लाइक किए हैं।

loksabha election banner

परिषदीय विद्यालयों की छात्र संख्या दिनों दिन कम होती जा रही है। ऐसे में सरकार की ओर से बेहतर सुविधा देने के बाद भी बच्चे कानवेंट की ओर भाग रहे हैं। ऐसे में कौशांबी ब्लाक के रक्सवारा संकुल अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय नंदौली के प्रधानाध्यापक धीरज सिंह ने विद्यालयों की छात्र संख्या बढ़ाने की मुहिम शुरू कर दी है। इसके लिए उन्होंने सोशल साइट को चुना है। वह फेंसबुक व वाट्सअप के माध्यम से लगातार परिषदीय विद्यालय में बच्चों का नामांकन किए जाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। धीरज सिंह ने अपने एकाउंट में विद्यालयों की सुविधा के संबंध में लिखा है कि छह से 14 साल का कोई बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। इसके लिए हर बच्चे का विद्यालय में नामांकन कराएं। परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा निश्शुल्क होने के साथ ही किताबें व ड्रेस के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता। प्रशिक्षित शिक्षकों के माध्यम से गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा, उच्च गुणवत्ता का मध्याह्न भोजन, स्वच्छ वातावरण, बड़ा खेल का मैदान, विद्यालय में छोटी मोटी समस्या के लिए निश्शुल्क उपचार की सुविधा है। उन्होंने कहा है कि यहां नामांकन से पूर्व बच्चे के अभिभावकों को परेशान नहीं किया जाता। बच्चे के मानसिक, बौद्धिक, शारीरिक विकास को लेकर विद्यालय से लेकर लखनऊ तक के अधिकारी चितित रहते हैं। इसके लिए समय समय पर योजना बनाते रहते हैं। धीरज की इस पहल में अब लोग शामिल हो रहे हैं। वह इनकी पोस्ट को शेयर व लाइक कर आगे बढ़ा रहे हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारी अरविद कुमार ने कहा कि ऐसे शिक्षक सम्मान के योग्य हैं। जो अपने माध्यम से अधिक से अधिक बच्चों को शिक्षित करने की पहल कर रहे हैं। अन्य शिक्षकों को भी ऐसे लोगों से प्रेरणा लेनी चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.