जननी सुरक्षा योजना का भुगतान रोका, चक्कर काट रहीं महिलाएं
जासं, कौशांबी : मातृ एवं शिशु मृत्युदर में कमी लाने के लिए सरकार ने जननी सुरक्षा योजना लागू की है। इ
जासं, कौशांबी : मातृ एवं शिशु मृत्युदर में कमी लाने के लिए सरकार ने जननी सुरक्षा योजना लागू की है। इस योजना के तहत अस्पताल में प्रसव कराने वाली महिलाओं को 1400 रुपये देने का प्रावधान है। शासन से चिकित्सकों को स्पष्ट निर्देश जारी किया गया है कि प्रसव के 48 घंटे के भीतर प्रसूताओं को प्रोत्साहन धनराशि देने का प्रावधान है, लेकिन तीन अस्पतालों में प्रसव कराने वाली लगभग 150 महिलाओं को प्रसव के डेढ़ माह बाद भी धनराशि नहीं दी गई। इससे महिलाओं को काफी परेशानी हो रही है।
गर्भवती व महिलाओं के स्वास्थ्य परीक्षण व संस्थागत प्रसव पर स्वास्थ्य विभाग जोर दे रहा है। वहीं मातृ एवं शिशु मृत्युदर में कमी लाने के लिए आशाएं घर-घर जा रही हैं। स्थिति यह हो गई है कि 90 फीसद महिलाएं अस्पताल में प्रसव कराती है। संस्थागत प्रसव कराने वाली महिलाओं के खान-पान के लिए प्रसव के 48 घंटे बाद प्रोत्साहन धनराशि देने का प्रावधान है, लेकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कड़ा, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चायल व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नेवादा क्षेत्र की 150 महिलाएं ऐसी है, जिनको प्रसव के डेढ़ माह बाद भी जननी सुरक्षा योजना का लाभ नहीं मिला। इसकी शिकायत कड़ा की पुष्पा, शकुंतला व लक्ष्मी ने पूर्व में सीएमओ से की थी। इसके बाद भी समस्या का निराकरण नहीं हो सका। जिला स्वास्थ्य समिति में उठ चुका है मामला
जननी सुरक्षा योजना का भुगतान न होने का मुद्दा जिला स्वास्थ्य समिति के बैठक में उठाया जा चुका है। जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कड़ा, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चायल व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नेवादा के चिकित्साधिकारी को स्पष्ट निर्देश जारी किया है कि एक पखवारे के भीतर संबंधित प्रसूताओं के खाते में जननी सुरक्षा योजना के तहत निर्धारित धनराशि को भेज दिया जाए।