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सर्वे के चक्कर में उलझे कस्बे के गरीबों के आवास

जासं, कौशांबी : प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत सरकार बेघरों को आवास देने के लिए प्रयासरत है। लेकिन सर्वे के चक्कर में नगर पंचायतों के दर्जनों गरीबों को आवासीय सुविधा नहीं मिल पा रही है। इससे वह काफी परेशान हैं। आवास की सुविधा पाने के लिए नगर पंचायत व नगरीय विकास अभिकरण कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Sep 2018 08:45 PM (IST)Updated: Mon, 10 Sep 2018 08:45 PM (IST)
सर्वे के चक्कर में उलझे कस्बे के गरीबों के आवास
सर्वे के चक्कर में उलझे कस्बे के गरीबों के आवास

जासं, कौशांबी : प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत सरकार बेघरों को आवास देने के लिए प्रयासरत है। लेकिन सर्वे के चक्कर में नगर पंचायतों के दर्जनों गरीबों को आवासीय सुविधा नहीं मिल पा रही है। इससे वह काफी परेशान हैं। आवास की सुविधा पाने के लिए नगर पंचायत व नगरीय विकास अभिकरण कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं।

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नगर पंचायत क्षेत्र में रहने वाले लोगों को आवासीय सुविधा देने के लिए प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना का संचालन किया जा रहा है। लाभार्थियों का पात्रता का सर्वे करने के लिए शासन ने एक निजी संस्था को लगाया गया। संस्था के सदस्यों ने नगर पंचायत मंझनपुर, सिराथू, चायल, भरवारी, सरायअकिल, सिराथू, करारी, अझुवा व में डोर टू डोर पहुंच कर 4262 लाभार्थियों की सूची तैयार कर आवासीय सुविधा देने के लिए नगरी विकास अभिकरण व जिला प्रशासन को सूची भी सौंपी थी। संस्था के सर्वे के बाद जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा चयनित लाभार्थियों की पुन: जांच कराने के लिए मंझनपुर एसडीएम को निर्देश दिया। डीएम के निर्देश के मुताबिक मंझनपुर एसडीएम ने राजस्व कर्मियों से जांच कराई तो 2012 लोग अपात्र निकले।

इस रिपोर्ट को शहर मिशन प्रबंधक ने नगरीय विकास अभिकरण के प्रमुख सचिव मनोज कुमार को सर्वे रिपोर्ट दिया तो उन्होंने शहर मिशन प्रबंधक व ईओ को पुन: जांच कराने का निर्देश दिया। साथ ही लाभार्थियों के चयन के मानक पर आधारित गाइड लाइन भी भेजी। प्रमुख सचिव के निर्देश पर अपात्र लाभार्थियों की जांच पुन: कराई जा रही है। शहर मिशन प्रबंधक कामरान अहमद की माने तो शासन स्तर से जारी की गई गाइड लाइन के मुताबिक सर्वे में जिन व्यक्तियों को अपात्र घोषित कर दिया गया था। उसमें कुछ लोग पात्र मिल रहे हैं। सर्वे रिपोर्ट तैयार होने के बाद डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। इसके बाद संबंधित लाभार्थियों के खाते में डीबीटी के माध्यम से आवास बनाने के लिए धनराशि दी जाएगी।


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