खिलाड़ियों ने किया हॉकी के जादूगर को याद
हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यान चंद्र की जन्मतिथि को स्कूलों और अन्य स्थानों पर खेल दिवस के रूप में मनाया गया। उनकी उपलब्धि के बारे में शिक्षकों ने छात्रों को ऑनलाइन शिक्षण के जरिए जानकारी दी।
हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यान चंद्र की जन्मतिथि को स्कूलों और अन्य स्थानों पर खेल दिवस के रूप में मनाया गया। उनकी उपलब्धि के बारे में शिक्षकों ने छात्रों को ऑनलाइन शिक्षण के जरिए जानकारी दी।
कौशांबी प्रेसीडेंसी स्कूल एंड कालेज में खेल दिवस पर ऑनलाइन स्पोर्ट्स क्विज का आयोजन किया गया। शुभारंभ करते हुए प्रबंधक व चायल विधायक संजय गुप्ता ने बच्चों से कहा कि स्कूल में खेल को बढ़ावा देने के लिए हर सुविधा उपलब्ध है। बच्चे शिक्षा के साथ ही खेल में आगे बढ़ें इसके लिए यहां पूरी सुविधा है। कौशांबी प्रेसिडेंसी स्कूल एंड कालेज की प्रिसिपल सीमा पवार और पीटीआई अकांत गुप्ता ने राष्ट्रीय खेल दिवस पर छात्रों को बताया कि आज ही हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यान चंद की जन्मतिथि है। इस दिवस को देश में खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। बच्चों के बीच ऑनलाइन प्रतियोगिता के आयोजन के बाद उन्होंने कहा कि यह दिन आज व आने वाले समय में खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा स्त्रोत रहेगा। इसी प्रकार भरवारी स्थित भवंस मेहता विद्याश्रम परिसर में खेल दिवस मनाया गया। प्रधानाचार्य संजय कुमार श्रीवास्तव ने मेजर ध्यानचंद्र के चित्र पर दीप प्रज्वलित करते हुए कहा कि मेजर हमारे देश के उन खिलाड़ियों में हैं जो आज तक कभी हारे नहीं। उनको गैर देश के लोगों ने खरीदने का प्रयास किया, लेकिन देशभक्ति ऐसी कि वह दूसरे देश के लिए खेलने को तैयार नहीं हुए। इसके बाद बच्चों के बीच ऑनलाइन सामान्य ज्ञान, निबंध, फैंसी ड्रेस, योगासन आदि की प्रतियोगिता हुई। थोड़ी देर बात परिणाम भी घोषित कर दिया गया। इसमें निर्णायक पूनम सिंह, साहिबा जरीन ने दिव्यांशराज को प्रथम, परवीन द्वितीय व अर्पित सिंह पाल तृतीय स्थान पर चुना। योगासन में शिव्यांश राज प्रथम, निखत फतिमा दितीय व आर्यश्रीवेनगोपल व वीजल साहू तृतीय स्थान पर रहे।
स्टेडियम में भी याद किए गए मेजर
स्टेडियम में क्रीड़ाधिकारी रुस्तम खां ने मेजर ध्यानचंद्र के चित्र पर माल्यापर्ण कर उनको याद किया। स्टाफ व कुछ खिलाड़ियों की मौजूदगी में उन्होंने कहा कि आज उनके जीवन का यह पहला अवसर है जब किसी प्रतियोगिता का आयोजन नहीं हो रहा है। यह कोरोना के कारण है। उन्होंने स्टाफ व खिलाड़ियों को मेजर ध्यानचंद्र के बारे में बताते हुए कहा कि तानाशाह हिटलर ने उनके खेल को देखकर जर्मनी से खेलने के लिए कहा और इसके लिए काफी धन देने का ऑफर किया, लेकिन उन्होंने साफ मना कर दिया। उनको हॉकी का जादूगर भी कहा जाता है। इस मौके पर गोल्ड मेडलिस्ट गौरव यादव, नेशनल खिलाड़ी जैश यादव, उप क्रीडाधिकारी अभिज्ञान मालवीय, रतन कुमार कुशवाहा आदि लोग मौजूद रहे। इसी प्रकार नवोदय विद्यालय के प्राचार्य विमल कुमार मिश्र ने विद्यालय के खिलाड़ियों से ऑनलाइन जुड़कर उनको खेल दिवस की बधाई दी। उन्होंने सभी से नियमित अभ्यास करते रहने की बात कही।