जल संरक्षण की सोच को आगे बढ़ाने को पंख लगा रही योजनाएं
पानी हर रूप में मनुष्य के प्रयोग में आता है। जिस पानी को हम गंदा समझकर फेंक देते हैं। वह भी जीवन के लिए उपयोगी है। उसको दोबारा धरती की कोख में भेजकर हम पानी को संरक्षित कर अपना और अन्य लोगों का जीवन बचा सकते हैं। पानी का मोल हमने आज नहीं समझा तो आने वाले दिनों में इसके गंभीर परिणाम भुगतना होगा। गंगा के किनारे बसे गांवों प्रशासन ने गंदे पानी को धरती में पहुंचाने के लिए सोख्ता गड्ढे का निर्माण कराया है।
जासं, कौशांबी : पानी हर रूप में मनुष्य के प्रयोग में आता है। जिस पानी को हम गंदा समझकर फेंक देते हैं। वह भी जीवन के लिए उपयोगी है। उसको दोबारा धरती की कोख में भेजकर हम पानी को संरक्षित कर अपना और अन्य लोगों का जीवन बचा सकते हैं। पानी का मोल हमने आज नहीं समझा तो आने वाले दिनों में इसके गंभीर परिणाम भुगतना होगा। गंगा के किनारे बसे गांवों प्रशासन ने गंदे पानी को धरती में पहुंचाने के लिए सोख्ता गड्ढे का निर्माण कराया है।
गंदा पानी यदि छनकर धरती में समाता है तो यह हमे जीवन देता है, लेकिन यदि यही पानी सीधे नदी में चला जाए तो मौत लाता है। गंगा के किनारे बसे कौशांबी जिले के 33 गांव में गंगा एक्शन प्लान से रूपरेखा बदलने की कवायद हुई थी। इस योजना में गंगा नदी में सीधे गांव का गंदा पानी न पहुंचे। इसके लिए जगह-जगह रिचार्ज पिट निर्माण की योजना बनाई। 33 गांव में करीब 250 रिचार्ज पिट का निर्माण किया गया। स्कूल के हैंडपंप, सरकारी हैंडपंप व अन्य वह स्थल जहां पानी जमा होता हो और इसके बाद सीधे नदी में जाता है। वहां पर सोख्ता पिट का निर्माण किया गया। पानी इस पीट में रुकने के बाद या तो धरती की कोख में चला जाता या फिर ओवर फ्लो होकर नदी में पहुंच जाता। इस प्रक्रिया से यह पानी शुद्ध हो जाता है। इसके साथ ही धरती में पानी के जाने से ग्राउंड वाटर में वृद्धि होती। पंचायत राज विभाग ने गंगा के किनारे स्थित कड़ा, शहजादपुर, उजिहिनी, कोखराज, रूप नारायण सैलाबी, पट्टी नरवर, सकाढ़ा, सोभना, बसेढ़ी, गौसपुर व चकताजपुर समेत 33 गांव में सोख्ता पिट का निर्माण कराया है। जो जल संचयन के लिए एक बेहतर प्रयास कहा जा सकता है। इसके अलावा गांव के लोगों को भी जल संरक्षण व नदी में गंदे पानी को जाने से रोकने को प्रेरित किया गया।
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पानी बचाना सब के लिए जरूरी है। सरकार इसके लिए प्रयास कर रही है। हम सब को भी अपने स्तर से इसके लिए प्रयास करें। जिससे पानी की बचत हो और हमारा जीवन सुरक्षित रहे।
- गंगा प्रसाद
--- गांव में सोख्ता पिट का निर्माण किया गया है, लेकिन इनकी सफाई आदि को लेकर कोई विकल्प नहीं है। ऐसे में यह योजना ज्यादा प्रभावशाली नहीं है। इसके लिए फिर से विचार किया जाना चाहिए।
- राजेश कुमार
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जब तक गांव में किसी भी योजना के लिए स्थानीय स्तर पर जिम्मेदारी नहीं दी जाती। सार्वजनिक कार्य होना बेहतर नहीं होता। जल संरक्षण के लिए सोख्ता पिट तो बना है। इसके लिए जागरूकता की कमी अब भी है।
- अश्वनी सिंह
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जाने अनजाने ही सही हम से किसी ने किसी रूप में पानी की बरबादी करते हैं। इन छोटी-छोटी आदतों में सुधार लाकर हम थोड़ा परिवर्तन करें तो जल संरक्षण बेहतर होगा।
- राजेंद्र मौर्या