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पूरब शरीरा में बिछाई गई पाइपलाइन की होगी जांच

जासं कौशांबी विकास खंड सरसवां क्षेत्र की ग्राम पंचायत पूरब शरीरा में पेयजल आपूर्ति के लिए बिछाई गई पाइप लाइन की जांच के लिए सीडीओ डीएम के आदेश पर दो सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Oct 2019 11:48 PM (IST)Updated: Tue, 22 Oct 2019 11:48 PM (IST)
पूरब शरीरा में बिछाई गई पाइपलाइन की होगी जांच
पूरब शरीरा में बिछाई गई पाइपलाइन की होगी जांच

जासं, कौशांबी : विकास खंड सरसवां क्षेत्र की ग्राम पंचायत पूरब शरीरा में पेयजल आपूर्ति के लिए बिछाई गई पाइप लाइन में ठेकेदार द्वारा किए गए खेल की जांच होगी। ग्रामीणों की शिकायत और जागरण में मंगलवार को प्रकाशित खबर को संज्ञान में लेकर डीएम ने सीडीओ को पूरे प्रकरण की जांच के निर्देश दिए जिसके बाद दो सदस्यीय टीम गठित कर दी गई है। टीम के सदस्य जल्द ही गांव पहुंचकर प्रकरण की जांच करेंगे।

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राष्ट्रीय पेयजल योजना के अन्तर्गत सरकार घर-घर पानी पहुंचाने के लिए प्रयासरत है। इस योजना के तहत वर्ष 2014-15 में जनपद की आधा दर्जन ग्राम पंचायतों में पेयजल समूह बनाए गए हैं। ग्रामीणों की मानें तो पेयजल समूह के निर्माण व पाइपलाइन बिछाने में विभाग के अधिकारियों से सांठगांठ कर ठेकेदारों ने लाखों का गड़बड़झाला किया है। पूरब शरीरा गांव के राजू व जयनारायण समेत अन्य कई ग्रामीणों ने अधिकारियों से शिकायत किया कि ग्राम पंचायत में पाइप लाइन बिछाने के लिए इस्टीमेट बनाया गया था लेकिन उसके अनुरूप पाइप लाइन नहीं बिछाई गई। ठेकेदार ने विभाग के अधिकारियों से सांठगांठ कर लोकल पाइपलाइन बिछा दी। जो जगह-जगह से लीकेज हो गई है। पाइपलाइन लीकेज होने की वजह से लोगों के घरों में दूषित पानी पहुंच रहा है। शिकायत व अखबार में प्रकाशित खबर के आधार पर सीडीओ ने दो सदस्यीय जांच टीम गठित की है, जिसमें जिला विकास अधिकारी विजय कुमार, सहायक अभियंता लघु सिचाई विभाग शामिल हैं। टीम के सदस्यों को पूरे प्रकरण की जांच कर तीन दिन में रिपोर्ट सौंपना होगा। जांच टीम गठित होने से पाइप लाइन बिछाने में हेराफेरी करने वालों में अफरातफरी मची है।

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क्षतिग्रस्त दीवार की भी होगी जांच :

विकास खंड सरसवां क्षेत्र की ग्राम पंचायत पूरब शरीरा में तीन वर्ष पूर्व पानी की टंकी बनाई गई थी। ग्रामीणों की मानें तो पानी टंकी के परिसर की चहारदीवारी में दोयम किस्म की ईंट का प्रयोग किया गया है। दीवार की चुनाई में सीमेंट भी कम लगाई गई है। जिससे चहारदीवारी का प्लास्टर उखड़ रहा है। चहारदीवारी निर्माण में गड़बड़ी की जांच भी टीम के सदस्य करेंगे।


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