बारिश से लोग हो रहे बेघर, रबी की फसल को ज्यादा नुकसान
बारिश से जहां लोग बेघर हो रहे है। वही रबी की फसल बर्बाद हो रही है। बारिश की वजह से अब तक 170 से अधिक लोग बेघर हो गए हैं। दैवीय आपदा से पीड़ित लोगों को मुआवजा देने के लिए राजस्व विभाग सर्वे कर रहा है। कुछ लोगों को सहायता धनराशि उपलब्ध करा दी गई है।
जासं, कौशांबी : बारिश से जहां लोग बेघर हो रहे है। वही रबी की फसल बर्बाद हो रही है। बारिश की वजह से अब तक 170 से अधिक लोग बेघर हो गए हैं। दैवीय आपदा से पीड़ित लोगों को मुआवजा देने के लिए राजस्व विभाग सर्वे कर रहा है। कुछ लोगों को सहायता धनराशि उपलब्ध करा दी गई है।
विकास खंड सरसवा के पूरब शरीरा गांव में बुधवार की रात बारिश की वजह प्रभा शंकर तिवारी पुत्र जगदीश तिवारी का मकान गिरा गया। घर के अंदर रखी गृहस्थी घर के मलवे दब गई। इसी प्रकार नेवादा ब्लाक के जवई गांव में सीलन अमर नाथ का खपरैल गिर गया। मलबे में दबकर दो मवेशियों की मौत हो गई। सूचना पर पहुंचे राजस्व कर्मियों से रिपोर्ट तैयार कर ली है।
बारिश से खराब हुई फसल का मांगा मुआवजा
संसू, चायल : एक सप्ताह से लगातार हो रही बारिश के पानी से लोगों को मुक्ति नहीं मिल रही है। भारी जलभराव कच्चे मकान के लिए खतरा बन गया है। सीलन से मकानों के गिरने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। गुरुवार को भारतीय किसान संयुक्त मजदूर यूनियन के कार्यकर्ताओं ने बैठक कर सरकार से गिरे मकानों और खराब हुई फसलों के मुआवजे की मांग की है।
मूसलाधार बारिश से कच्चे मकानों के गिरने का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। गुरुवार को भारतीय किसान संयुक्त मजदूर यूनियन के जिलाध्यक्ष बंसल सिंह यादव की अध्यक्षता में चरवा चौराहे पर एक बैठक का आयोजन किया गया। जिलाध्यक्ष बंसल यादव ने कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि जलजमाव और सीलन से लोगों का कच्चा मकान गिर गया। किसानों की सैकड़ों बीघा से अधिक धान, तिल्ली और बाजरे आदि की फसल डूब जाने से नष्ट हो गई है। उन्होंने खेतों से अविलंब पानी की निकासी कराने और किसानों को मुआवजा की मांग की है। इस मौके पर राकेश चंद्र सरोज, रामराज पासी, गनेश पासी, मानसिंह यादव, रामलौटन पासी, सीताराम, कंधई लाल, जानकी देवी, देशराज और जगदीश सिंह आदि मौजूद रहे। बेसहारा वृद्धा को नहीं है बारिश से बचने की जगह
संसू, कसेंदा : विकास खंड नेवादा के नूरपुर हाजीपुर गांव में एक वृद्ध महिला की शादी सरायं अकील थाना क्षेत्र के एक गांव में हुई थी । शादी के दस साल बीतने के बाद कोई संतान न होने पर पति ने घर से निकाल दिया। इसके बाद से महिला ने मायके में अकेले ही पिता द्वारा मिले एक कच्चे मकान में रहने जो अब पूरी तरह से जर्जर हो गया था। और बुधवार रात उसका रहा आशियाना भी गिर गया। सूचना के बाद भी राजस्व टीम नहीं पहुंची। अतिवृष्टि ने मचाई तबाही, फसलों पर बरसी आफत
संसू, चायल : बेमौसम हो रही अतिवृष्टि ने घर लेकर फसलों में भारी पर आफत मचाई है। जोरदार बारिश से जहां गरीबो के आशियाने धराशाही हो रहे हैं वहीं, खरीफ की फसल सड़ने लगी है। यही नहीं, आलू, प्याज, बैगन, टमाटर, मिर्च करेला और भिडी समेत पत्तों वाली तमाम सब्जियों के नुकसान से उनके भाव आसमान छूने लगे है।
जनपद में पिछले एक सप्ताह से हो रही बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दिया है। सबसे अधिक नुकसान खरीफ की मुख्य फसल धान और बाजरे में हुआ है। चायल क्षेत्र के किसान राधेकृष्ण मिश्र, घनश्याम सिंह, श्यामलाल मौर्या ने बताया कि यहां धान और बाजरे की 60 फीसदी फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। इलाके में अतिवृष्टि से बाजरे की बालियों में कंडो लग गया है। धान की बात की जाए तो जमीन पर गिरकर उसकी बालियां पानी में डूबकर काली पड़ने लगी है। दो दिन पहले बारिश न होने पर किसानों को लगा था कि फसल का नुकशान कम होगा। लेकिन, बारिश के दूसरे झटके ने खरीफ की धान, बाजरा, अरहर, तिल, ज्वार सहित सब्जियों की फसल को बर्बाद कर दिया है। अतिवृष्टि की आफत ने ऐसी तबाही मचाई है कि फसल बचाने का किसानों को कोई उपाय नही सूझ रहा है। अब तक की बारिश से हुए फसलों के नुकशान का प्रशासन रिपोर्ट तैयार नही कर रहा है। ऐसे में अतिवृष्टि से फसल नुकशान के मुआवजा मिलने में भी आशंका बनी हुई है।