असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए शुरू हुई पेंशन योजना
जागरण संवाददाता कौशांबी जवानी में हाड़तोड़ मेहनत के बाद बुढ़ापे में दूसरों के सामने हाथ नहीं फैलाना पड़े। असंगठित क्षेत्र के लोगों के लिए सरकार ने अब प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन पेंशन योजना शुरू की गई है। योजना हर कामगार के लिए मददगार होगी। इसका लाभ पाने के लिए किसी प्रकार के सरकारी दावे व दस्तावेज की जरूरत नहीं होगी।
जागरण संवाददाता, कौशांबी : जवानी में हाड़तोड़ मेहनत के बाद बुढ़ापे में दूसरों के सामने हाथ नहीं फैलाना पड़े। असंगठित क्षेत्र के लोगों के लिए सरकार ने अब प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन पेंशन योजना शुरू की गई है। योजना हर कामगार के लिए मददगार होगी। इसका लाभ पाने के लिए किसी प्रकार के सरकारी दावे व दस्तावेज की जरूरत नहीं होगी।
एक श्रमिक को खुद लिखकर देना होगा कि वह कहा काम करता है। नियोक्ता की भूमिका इस योजना के लाभ के लिए जरूरी नहीं है। किसी प्रकार के प्रमाण की जारूरत न होने के कारण हर कामगार इस योजना का लाभ ले सकता है। मुख्य विकास अधिकारी इंद्रसेन सिंह ने बताया कि लाभ पाने के लिए 18 से 40 वर्ष की उम्र वाले कामगार के पास आधार कार्ड, बचत बैंक खाता, पात्र होने का स्वयं का घोषणापत्र, नामिनी का नाम व उसका आधार और मोबाइल नंबर देना होगा। एक कामगार के लिए हर आयु वर्ग पर योजना का लाभ लेने के लिए एक निश्चित दर बैंक में जमा करना होगा। जैसे कोई 18 साल का युवक कामगार योजना के लिए 55 रुपये महीने का भुगतान करता है और 40 वर्ष का कामगार 200 मासिक जमा कर योजना का लाभ ले सकता है। मौत के बाद आश्रितों को मिलेगी आधी पेंशन
योजना में बने रहने पर 60 वर्ष की आयु पर तीन हजार मासिक पेंशन की गारंटी सरकार ली है। पेंशन पाने के दौरान मृत्यु होने पर परिवारिक पेंशन के रुप में पति पत्नी को 50 फीसद पेंशन मिलती रहेगी। बीच में मृत्यु होने अथवा स्थाई रूप से निश्क्त होने पर पति-पत्नी उसे जारी रख सकते हैं। इसके अलावा वास्तविक ब्याज या बचत दर ब्याज में जो अधिक होगा। उसका लाभ लेकर योजना छोड़ी जा सकती है। 10 वर्ष से पूर्व योजना छोड़ने पर जमा अंशदान बचत खाता ब्याज के साथ वापस और इसके बाद छोड़ने पर वास्तविक ब्याज या बचत ब्याज दर जो अधिक हो उसका लाभ दिया जाएगा। निर्धारित तिथि पर अंशदान जमा न कर पाने पर तय ब्याज के साथ बकाया अंशदान जमा करने की सुविधा भी योजना में शामिल है। इनको ही मिलेगा योजना का लाभ
गृह आधारित कामगार, फेरी लगाने वाले, मध्याह्न भोजन कर्मचारी, सिर पर बोझा उठाने वाले, ईंट भट्ठा मजदूर, मोची, घरेलू नौकर, धोबी, रिक्शा चालक, भूमिहीन श्रमिक, स्वरोजगारी खेतिहर मजदूर, भवन निर्माण मजदूर, बीड़ी श्रमिक, हथकरघा कामगार, चमड़ा कामगार आदि। सहज जन सेवा केंद्र में खुलेगा खाता
मजदूरों को इसके लिए किसी बैंक या सरकारी कार्यालय के चक्कर नहीं लगाना होगा। गांव में खुले सहज जन सेवा केंद्र में जाकर पहली बार नगद भुगतान कर योजना में रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। उसके बाद उनके प्रीमियम की धनराशि सीधे उनके बैंक खाते से काटी जाएगी।