बेसहारा मवेशियों के लिए बनेगा एक और गोसंरक्षण केंद्र
बेसहारा पशुओं को आश्रय देने के लिए जल्द ही जिले में तीसरा वृहद गोसंरक्षण केंद्र बनेगा। इसके लिए जिला प्रशासन व पशुपालन विभाग की ओर से कवायद तेज कर दी गई है। डीएम के निर्देश पर तहसील प्रशासन ने भूमि चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। विकास खंड सरसवां के महेवा घाट में गोशाला बनाया जाएगा।
कौशांबी : बेसहारा पशुओं को आश्रय देने के लिए जल्द ही जिले में तीसरा वृहद गोसंरक्षण केंद्र बनेगा। इसके लिए जिला प्रशासन व पशुपालन विभाग की ओर से कवायद तेज कर दी गई है। डीएम के निर्देश पर तहसील प्रशासन ने भूमि चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। विकास खंड सरसवां के महेवा घाट में गोशाला बनाया जाएगा। इससे मवेशियों का संरक्षण होगा। साथ ही किसानों की फसल सुरक्षित रहेगी।
जनपद में बेसहारा पशुओं की संख्या बढ़ती जा रही है। इससे यमुना के तराई क्षेत्र के किसानों की समस्या बढ़ गई है। बछड़े, बैल और दूध न देने वाली गायों को लोगों ने सड़कों पर बेसहारा छोड़ दिया। ये पशु भूख शांत करने के लिए किसी भी खेत में घुस जाते हैं। इससे फसल को भी नुकसान पहुंचता है। बेसहारा पशु वाहनों से टकराकर भी जान गंवाते रहते हैं। इस समस्या को किसानों ने मंझनपुर विधायक लाल बहादुर चौधरी तक पहुंचाई तो उन्होंने शासन व पशुपालन विभाग के सचिव से छह माह पूर्व मंझनपुर क्षेत्र में एक वृहद गोसंरक्षण केंद्र बनाने की मांग की थी, जिस अनुमति मिल गई है।
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. बीपी पाठक ने बताया कि डेढ़ करोड़ की लागत से विकास खंड सरसवां के महेवाघाट के आसपास वृहद गोसंरक्षण केंद्र बनाया जाएगा। इसके लिए जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा की ओर मंझनपुर एसडीएम को भूमि चिन्हित करने का निर्देश दिया गया है। डेढ़ करोड़ की लागत से गौसंरक्षण केंद्र का निर्माण कराया जाएगा। इससे क्षेत्र के किसानों को राहत मिलेगी।
500 मवेशियों का हो सकेगा संरक्षण
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. बीपी पाठक ने बताया कि वृहद गोसंरक्षण केंद्र का निर्माण जल्द शुरू किया। यहां 500 गोवंश का संरक्षण होगा। इससे किसानों को राहत मिलेगी। साथ ही गोशाला में मवेशियों की देखभाल के लिए दो लोग मनरेगा से रखे जाएंगे।