रैनबसेरा को लेकर अफसर अलर्ट, मिलने लगी सुविधाएं
कौशांबी : मुसाफिरों की सुविधा के लिए जनपद की सभी नगर पंचायतों में रैन बसेरा बनाने का निदेश पूर्व में दिया गया था।
कौशांबी : मुसाफिरों की सुविधा के लिए जनपद की सभी नगर पंचायतों में रैन बसेरा बनाने का निर्देश पूर्व में दिया गया था। इसके बाद भी अधिकतर स्थानों में रैनबसेरा के नाम पर महज खानापूíत की गई थी। इसकी वजह से गरीबों को काफी परेशानी हो रही थी। इस समस्या को लेकर दैनिक जागरण में समाचारीय अभियान चलाया गया तो अधिकारियों ने संज्ञान लिया। फिर अधिकारियों की सख्ती से रैनबसेरा की सुविधा में सुधार किया गया।
ठंड के मौसम में रात गुजारने के लिए मुसाफिरों को परेशानी न हो। इसके मद्देनजर नगर पंचायत मंझनपुर, सरायअकिल, करारी, चायल, भरवारी, अझुवा व सिराथू में रैनबसेरा बनाने के लिए अपर जिलाधिकारी राकेश कुमार श्रीवास्तव ने अधिशासी अधिकारियों को निर्देश दिया था। एक दिसंबर से रैनबसेरा शुरू हो जाना था। इसके बाद भी कुछ नगर पंचायतों में रैनबसेरा नहीं बनाया गया था। जहां बने भी थे, वहां की सुविधाएं आधी-अधूरी थी। रैनबसेरा की हकीकत दैनिक जागरण ने 19 दिसंबर से 25 दिसंबर के अंक में लगातार प्रकाशित किया तो अधिकारी सक्रिय हो गए। सोमवार की शाम मंझनपुर एसडीएम सतीश चंद्र ने नगर पंचायत मंझनपुर के सामुदायिक भवन में बनाए गए रैनबसेरा का औचक निरीक्षण किया। जहां पर 15 लोगों के ठहरने के लिए गर्म बिस्तर मौजूद है। शौचालय, पानी समेत अन्य सुविधाओं की जानकारी ली। चेयरमैन महताब आलम ने एसडीएम को बताया कि रैनबसेरा में दो चौकीदारों की तैनाती की गई है। शाम पांच बजे के बाद रैनबसेरा को खोल दिया जाता है। हर दिन तीन से चार लोग यहां पर रात्रि विश्राम के लिए आते हैं। रैनबसेरा के बाहर अलाव भी जलाया गया है।
कराया गया प्रसार : मुसाफिरों की सुविधा के लिए जिले की सभी नगर पंचायतों में रैनबसेरा बनाया गया है। सिराथू व भरवारी में रेलवे स्टेशन होने की वजह से यहां के रैनबसेरा की उपयोगिता अधिक है। इन स्थानों पर रैनबसेरा तो नगर पंचायत प्रशासन की ओर से बनवा दिया गया था, लेकिन प्रचार नहीं कराया जा रहा था। इससे मुसाफिरों को रैनबसेरा खोजने में परेशानी होती थी। दैनिक जागरण ने इस समस्या को प्रकाशित किया तो सिराथू व भरवारी नगर पंचायत की ओर से रैनबसेरा के प्रचार के लिए सार्वजनिक स्थानों पर बोर्ड लगाकर मुनादी कराई गई।