भरवारी के तालाबों पर कब्जा, सूख रही धरती की कोख
संसू भरवारी जल संरक्षण के लिए सरकार प्रयासरत है। इसके लिए प्रशासनिक अधिकारियों को ठोस कदम उठाने का निर्देश दिया है लेकिन नगर पंचायत प्रशासन की अनदेखी की वजह से भरवारी कस्बे के अधिकतर तालाबों को पाटकर घर बना लिया है। इससे उनका क्षेत्र फल कम हो गया है और बारिश का पानी व्यर्थ में इधर-उधर बह जाता है जिससे धरती की कोख सूख रही है। इसकी शिकायत कस्बे के लोगों ने ईओ व नगर पंचायत प्रशासन से की थी। इसके बाद भी ध्यान नहीं दिया गया है।
संसू, भरवारी : जल संरक्षण के लिए सरकार प्रयासरत है। इसके लिए प्रशासनिक अधिकारियों को ठोस कदम उठाने का निर्देश दिया है, लेकिन नगर पंचायत प्रशासन की अनदेखी की वजह से भरवारी कस्बे के अधिकतर तालाबों को पाटकर घर बना लिया है। इससे उनका क्षेत्र फल कम हो गया है और बारिश का पानी व्यर्थ में इधर-उधर बह जाता है, जिससे धरती की कोख सूख रही है। इसकी शिकायत कस्बे के लोगों ने ईओ व नगर पंचायत प्रशासन से की थी। इसके बाद भी ध्यान नहीं दिया गया है।
भूजल स्तर को ऊपर उठाने के लिए मनरेगा के तहत तालाब, कुआं, मेढबंदी आदि करने का निर्देश जिम्मेदारों को दिया गया है। इसके बाद अफसर ध्यान नहीं दे रहे हैं। यही वजह है कि नगर पालिका परिषद भरवारी आधा दर्जन से अधिक तालाबों पर अवैध कब्जा है। इसमें गौरा स्थित 18 बीघे का धौरहा तालाब, वार्ड नंबर चार गौरा का तालाब, नैतारा तालाब, गोदहाई व कंकोड़िया तालाब शामिल हैं। इन तालाबों के कुछ हिस्से को पाट कर स्थानीय लोगों ने घर बना लिया है। इससे तालाबों का क्षेत्र फल काफी कम हो गया है। कस्बे आदि का कहना है कि तालाबों को अवैध कब्जे से मुक्त कराने की मांग नगर पंचायत प्रशासन से की थी। इसके बाद भी ध्यान नहीं दिया गया है। नगर पालिका परिषद भरवारी में कितने तालाब है और किन-किन तालाबों पर अवैध कब्जा है। इस संबंध में ईओ से रिपोर्ट मांगी जाएगी। रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई कराई जाएगी।
घनश्याम, एसडीएम चायल