अब पौधों से अपनी आय बढ़ाएंगी गोशालाएं
जिले में करीब तीन दर्जन गोशालाएं हैं। इनके पास अपनी आय का कोई जरिया नहीं है। ऐसे में वह सरकार से मिली सहायता व लोगों के दान पर ही संचालित हैं। इसको लेकर अब प्रशासन ने उपाय निकाला है। सभी गोशालाओं के चारों ओर अब ऐसे पौधे लगाए जाने का निर्देश दिया है जिनकी बिक्री से गोशालाओं की आय होगी। साथ ही गोशाला संचालक की आय में इजाफा करने के साथ ही पर्यावरण को भी बचाने में सहयोग करेंगी।
श्रवण पटेल, मूरतगंज : जिले में करीब तीन दर्जन गोशालाएं हैं। इनके पास अपनी आय का कोई जरिया नहीं है। ऐसे में वह सरकार से मिली सहायता व लोगों के दान पर ही संचालित हैं। इसको लेकर अब प्रशासन ने उपाय निकाला है। सभी गोशालाओं के चारों ओर अब ऐसे पौधे लगाए जाने का निर्देश दिया है, जिनकी बिक्री से गोशालाओं की आय होगी। साथ ही गोशाला संचालक की आय में इजाफा करने के साथ ही पर्यावरण को भी बचाने में सहयोग करेंगी।
बेसहारा घूमने वाले मवेशियों को सरकार सहारा दे रही है। इनके रहने व चारे के लिए सुविधा के लिए जिले में करीब तीन दर्जन गोशालाओं का निर्माण किया गया है। स्थाई व अस्थाई रूप से बनी इन गोशालाओं के चारों ओर बाड़ के रूप में सूखे बांस व कटीली तारों को प्रयोग किया गया है, जो एक तरफ जल्दी नष्ट हो जाते हैं। इसके साथ इनसे पशुओं को क्षति भी होती है। अब इसे लेकर निदेशक प्रशासन एवं विकास पशुपालन विभाग यूबी सिंह ने सुझाव दिया है। यह पौधे लगाए जाएंगे चारों तरफ
निदेशक प्रशासन एवं विकास पशुपालन विभाग यूबी सिंह ने बताया कि बाड़ के रूप में बांस, नीम, सहजन, सीमारूबा, करंज, चिया, किबा, रागी, लेमन ग्रास, पामारोजा, तुलसी, सतावर, सर्पगंधा, खस आदि का प्रयोग करें। पर्यावरण को संतुलित करेंगे। पौधों का प्रयोग करने का निर्देश
पौधों की बिक्री से गोशाला संचालक की आय होगी। इससे अप्रत्यक्ष रूप से वह काम में अधिक रुचि लेगा। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने डीएम के निर्देश पर गोशाला संचालकों को पत्र भेजकर इन पौधों का प्रयोग करने का निर्देश दिया है।